#4. दाएं और बाएं हाथ का संयोजन:
कई क्रिकेट पंडितों का मानना है कि दाएं और बाएं हाथ सलामी जोड़ी किसी भी टीम के लिए एक प्लस पॉइंट होती है। अधिकतर कप्तान अपनी टीम में दाएं और बाएं हाथ की सलामी जोड़ी रखना चाहते हैं। न केवल सामरिक बल्कि मनोवैज्ञानिक कारणों से भी इस प्रकार की जोड़ी को बेस्ट माना गया है।
गेंदबाज को प्रत्येक बल्लेबाज के लिए अपनी लाइन और लेंग्थ का ध्यान रखना पड़ता है, वो बल्लेबाज को उनकी कमजोर जगह पर गेंदबाजी करना पसंद करता है। कप्तान को भी गेंदबाज के कहने पर प्रत्येक बल्लेबाज के लिए फील्डिंग भी बदलनी पड़ती है। दाएं और बाएं हाथ के दो बल्लेबाज बल्लेबाजी कर रहे हो तो स्ट्राइक बदलने के साथ ही उन्हें फील्डर की स्थिति भी बदलनी पड़ती है।
इसी कारण दाएं और बाएं हाथ की जोड़ी फील्डिंग को काफी परेशान करती है और उन पर एक अलग तरह का दबाव डालती है। गेंदबाजों को भी स्वाभाविक और निरंतरता के साथ गेंदबाजी करने में कठिनाई आती है।