भारत ने दुबई में बांग्लादेश को हराकर एशिया कप 2018 का ख़िताब जीता है। टीम इंडिया का पूरे एशिया कप में प्रदर्शन अच्छा रहा और इस टीम ने एक भी मैच नहीं गंवाया। इस टूर्नामेंट में विराट कोहली नहीं खेल रहे थे ऐसे में कुछ लोगों को टीम के प्रदर्शन को लेकर चिंताएं थीं। इसके अलावा विराट की ग़ैरमौजूदगी में रोहित की कप्तानी का भी इम्तेहान होना था।
इस चुनौती के बावजूद रोहित ने सभी भारतीय फ़ैंस का दिल जीत लिया। उन्होंने ये साबित कर दिया कि उन में टीम की ज़िम्मेदारी उठाने की क़ाबिलियत है। इस बात पर भी बहस होने लगी है कि क्या रोहित विराट से बेहतर वनडे कप्तान हो सकते हैं। हम यहां उन 5 वजहों को लेकर चर्चा करेंगे जो ये इशारा करते हैं कि रोहित को भारतीय वनडे टीम का कप्तान बनाया जाना चाहिए।
#5 कोहली के कंधों पर से बोझ कम होगा
विराट कोहली क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में भारत के नंबर वन बल्लेबाज़ हैं, वो काफ़ी क्रिकेट खेलते हैं। टीम इंडिया की सभी फॉर्मेट में कप्तानी करना आसान काम नहीं है। क्रिकेट पंडितों का कहना है कि रोहित शर्मा को भारतीय वनडे टीम का कप्तान बना देना चाहिए, ताकि विराट के कंधों से बोझ थोड़ा कम होगा।
# बतौर कप्तान रोहित का रिकॉर्ड अच्छा है
भले ही रोहित शर्मा को हाल में ही टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई थी, लेकिन उनके लिए आमातौर पर कप्तानी का अनुभव नया नहीं है। रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी में आईपीएल की मुंबई इंडियंस टीम को 3 बार ख़िताब दिलाया है।
हांलाकि टीम इंडिया की कप्तानी किसी आईपीएल टीम की ज़िम्मेदारियों में ज़मीन आसमान का फ़र्क है, लेकिन रोहित को ये बात मालूम है कि कप्तानी कैसे की जाती है। रोहित ने अपनी कप्तानी में भारत को निदहास ट्रॉफ़ी और एशिया कप जिताया है।
#3 अपनी कप्तानी के दौरान रोहित का प्रदर्शन अच्छा होता है
रोहित शर्मा ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के शुरुआती दौर में काफ़ी नाकामियों का सामना किया था। फिर साल 2013 में रोहित को मुंबई इंडियंस की कप्तानी मिली, जिसके बाद वो एक बेहतर बल्लेबाज़ बन गए।
रोहित का यही हाल रहा जब उन्होंने कुछ एक मौकों पर टीम इंडिया की कप्तानी की। इस दौरान उनका प्रदर्शन पहले से अच्छा हो गया।
#2 रोहित अपने खिलाड़ियों पर ज़्यादा भरोसा करते हैं
इस बात के लिए विराट कोहली की काफी आलोचना होती है कि वो अपनी टीम में हमेशा बदलाव करते रहते हैं। टीम के खिलाड़ियों को लेकर कई बार कप्तान के मन में असुरक्षा की भावना रहती है। मगर रोहित शर्मा के तरीकों में ये देखा गया है कि वो अपनी खिलाड़ियों पर ज़्यादा भरोसा करते हैं और खिलाड़ियों को बार-बार मौके देते हैं।
भुवनेश्वर कुमार ने चोट से उबरने के बाद एशिया कप के दौरान टीम इंडिया में वापसी की थी। भुवी ने हांगकांग के ख़िलाफ़ मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। इसके उलट ख़लील अहमद ने अपनी सधी हुई गेंदबाज़ी से सबका दिल जीता था। ऐसी चर्चाएं तेज़ हुईं की पाक के ख़िलाफ़ मैच में भुवी की जगह ख़लील को मौका दिया जाए। हालांकि रोहित ने भुवनेश्वर पर भरोसा जताया और भुवी को इस मैच में ‘मैन ऑफ़ द मैच’ का अवॉर्ड मिला।
#1 रोहित मैदान में दांव पेंच को अच्छी तरह समझ कर फ़ैसले लेते हैं
रोहित शर्मा की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि वो मैदान में विराट से बेहतर रणनीति बनाते हुए फ़ैसले लेते हैं। विराट अपनी कप्तानी के दौरान विपक्षी टीम के कुछ विकेट गिराने के बाद नए बल्लेबाज़ को पिच पर जमने का मौका देते हैं ताकि वो खिलाड़ी रक्षात्मक अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करें।
वहीं रोहित हमेशा नए बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ आक्रामक रणनीति अपनाते हुए विकेट निकालने की कोशिश करते हैं। जब भी नया बल्लेबाज़ मैदान में आता है तब रोहित अपने सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ को उतार देते हैं। रोहित हालात के हिसाब से अपनी गेम प्लान में बदलाव करते हैं।
लेखक- रैना सिंह
अनुवादक- शारिक़ुल होदा