क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में अगर मैच के दौरान सबसे ज्यादा दबाव किसी खिलाड़ी के ऊपर होता है तो वो है टीम का कप्तान। इसीलिए टीम का कप्तान उस खिलाड़ी को चुना जाता है जो मुश्किल समय में भी धैर्य के साथ टीम के हित में फैसले ले सके। यही वजह है कि टीम की कमान ज्यादातर मौकों पर टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों को दी जाती है। इसमें भी अक्सर देखने को मिला है कि ये जिम्मेदारी बल्लेबाज या फिर ऑलराउंडर खिलाड़ियों के हिस्से में ज्यादा आती है।
लेकिन समय के बदलने के साथ-साथ अब गेंदबाजों को भी कप्तानी करने के मौके दिए जा रहे हैं। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने टेस्ट टीम का कप्तान तेज गेंदबाज पैट कमिंस को नियुक्त किया।
भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अभी तक पांच स्पेशलिस्ट गेंदबाजों ने टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी की है। इस आर्टिकल में हम उन्हीं 5 स्पेशलिस्ट भारतीय गेंदबाजों के बारे में जिक्र करेंगे जिन्होंने टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी की है।
5 स्पेशलिस्ट भारतीय गेंदबाज जिन्होंने टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी की है
#5 जसप्रीत बुमराह (2022)
'यॉर्कर किंग' जसप्रीत बुमराह को जुलाई 2022 में इंग्लैंड और भारत के बीच खेले जाने वाले पांचवें रिशेड्यूल टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया का उप-कप्तान बनाया गया था। इस टेस्ट के शुरू होने से ठीक पहले घरेलू टीम के साथ प्रैक्टिस टेस्ट मैच के दौरान टीम के कप्तान रोहित शर्मा को कोरोना संक्रमण हो गया था। जिसके चलते पांचवें टेस्ट के दौरान वह टीम का हिस्सा नहीं बन पाए। ऐसे में दाएं हाथ के तेज गेंदबाज बुमराह को टीम की कमान सौपीं गई थी। हालाँकि कप्तान के तौर पर उन्हें अपने पहले टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा।
#4 अनिल कुंबले (2007-2008)
अगस्त 2007 में राहुल द्रविड़ के कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी नवम्बर 2007 में दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले को सौपीं गई थी। 17 सालों के लम्बे क्रिकेट करियर में पहली बार कुंबले को टीम इंडिया की अगुवाई करने का मौका मिला था। 51 वर्षीय लेग स्पिनर ने 2007 से 2008 के दौरान भारत की टेस्ट टीम की कप्तानी की। कुंबले की कप्तानी में भारतीय टीम ने 14 मैच खेले थे, जिसमें से तीन में जीत मिली जबकि पांच मुकाबलों में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं छह मुकाबले ड्रा रहे थे।
#3 श्रीनिवास वेंकटराघवन (1974-1979)
दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर श्रीनिवास वेंकटराघवन ने फरवरी 1965 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध खेलते हुए अपना टेस्ट डेब्यू किया था। अपने टेस्ट करियर के दौरान वेंकटराघवन ने 57 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 36.12 की औसत से 156 विकेट अपने नाम किये थे। दाएं हाथ के स्पिनर को 1974 से 1979 के दौरान भारतीय टेस्ट टीम की अगुवाई करने का जिम्मा मिला था। वेंकटराघवन की कप्तानी में भारत ने पांच टेस्ट खेले, जिसमें टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई थी। दो मैचों में टीम इंडिया को हार का मुँह देखना पड़ा था तो वहीं इस दौरान तीन मुकाबले ड्रा रहे थे।
#2 बिशन सिंह बेदी (1976-1978)
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कप्तान बिशन सिंह बेदी की गिनती 70-80 दशक के दौरान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में होती थी। बेदी की गेंदबाजी में ये खासियत थी कि वो बिना एक्शन बदले चार अलग-अलग तरह की गेंदें डाल सकते थे। उनकी यह कला उन्हें बाकी सभी गेंदबाजों से अलग बनाती थी।
दिसंबर 1966 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध पहला टेस्ट खेलते हुए बाएं हाथ के गेंदबाज ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। 1976 से 1978 के बीच में बेदी की कप्तानी में भारत ने 22 मैचों में से छह में से जीत दर्ज की थी, जबकि ग्यारह में हार का सामना करना पड़ा और पांच मैच ड्रा रहे थे।
#1 गुलाम अहमद (1955-1959)
गुलाम अहमद ने टेस्ट करियर में अपना पर्दापण दिसंबर 1948 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए किया था। अपने दस सालों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में अहमद सिर्फ 22 टेस्ट खेल पाए थे। जिसमें उन्होंने 30.18 की औसत से 68 विकेट चटकाए थे। इस ऑफ़ स्पिनर को 1955 से 1959 के दौरान तीन मैचों में भारतीय टीम की कमान सौपीं गई थी। अहमद की कप्तानी में भारत ने खेले तीन मैचों में से दो में हार का मुँह देखा था जबकि एक मैच ड्रा रहा था।