बल्लेबाजों का लगातार विकेट गिरते देखना किसी भी क्रिकेट प्रेमी को अच्छा नहीं लगता है, चाहे वो स्टेडियम में बैठकर मैच देख रहे हों या फिर कहीं बाहर। वर्ल्ड कप क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। अब तक इसके 11 संस्करण खेले जा चुके हैं जबकि 12वें संस्करण की शुरुआत 30 मई से होगी और 14 जुलाई तक इसकी समाप्ति होगी। वर्ल्ड कप
इतिहास में कई ऐसे मुकाबले देखने को मिले हैं जब आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम की पारी लड़खड़ाती चली गई। आज हम आपको ऐसे ही 5 मैचों के बारे में बताने जा रहे हैं।
#5. वेस्टइंडीज vs ऑस्ट्रेलिया, दूसरा सेमीफाइनल- 1992:
पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन, मोहाली के मैदान पर वर्ल्ड कप 1996 का दूसरा सेमीफाइनल मैच वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही। ऑस्ट्रेलिया की टीम 15 के स्कोर पर 4 विकेट खो चुकी थी। इसके बाद स्टुअर्ट लॉ (72) माइकल बेवन (69) और इयान हिली (31) की अच्छी बल्लेबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को 208 रनों का लक्ष्य दिया।
आसान से लक्ष्य के जवाब में उतरी वेस्टइंडीज टीम की शुरुआत थोड़ी अच्छी रही। सलामी बल्लेबाज एस चंद्रपाल, ब्रायन लारा और सर रिची रिचर्डसन ने अच्छी पारी खेली। जब वेस्टइंडीज की टीम ने 165 रनों के स्कोर पर एस चंद्रपाल के रुप में तीसरा विकेट खोया उसके बाद वेस्टइंडीज की टीम लड़खड़ाते चली गई और 202 रनों के स्कोर पर ऑलआउट हो गई।
इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की ओर से शेन वॉर्न, ग्लेन मैक्ग्रा और डेमियन फ्लेमिंग ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन किया था। इन गेंदबाजों ने क्रमशः 4, 2 और 2 विकेट चटकाए थे। मैच में जीत हासिल करके ऑस्ट्रेलिया टीम फाइनल में प्रवेश कर गई। फाइनल में उनका मुकाबला श्रीलंका टीम से हुआ। इसी साल श्रीलंका ने पहला और एकमात्र वर्ल्ड कप खिताब जीता था।
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#4. पाकिस्तान vs इंग्लैंड, ग्रुप स्टेज- 1992:
वर्ल्ड कप 1992 का 13वां मैच इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच एडिलेड के 'द ओवल' में खेला गया था। इस मैच में जावेद मियांदाद की कप्तानी वाली पाकिस्तान टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी थी। पाकिस्तान की टीम का लगातार विकेट गिरने का सिलसिला चलता रहा और यह टीम 40.2 ओवरों में मात्र 74 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
पारी समाप्त होने के बाद बारिश आनी शुरू हो गई। बारिश के कारण इंग्लैंड टीम को 16 ओवरों में 64 रन बनाने का लक्ष्य मिला। इंग्लैंड की टीम 8 ओवरों में एक विकेट खोकर 24 रन बना चुकी थी कि फिर बारिश शुरू हो गई जिसके कारण मैच 'नो रिजल्ट' रहा। पाकिस्तान को इस मैच में हार का सामना करना पड़ता लेकिन उसे किस्मत का साथ मिला और एक अंक भी मिले। पाकिस्तान ने उसी साल वर्ल्ड कप का खिताब जीता था।
#3. कनाडा vs बांग्लादेश, ग्रुप स्टेज- 2003:
वर्ल्ड कप 2003 का 5वां मैच बांग्लादेश और कनाडा के बीच डरबन में खेला गया था। जिसमें कनाडा की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 180 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। कनाडा की पूरी टीम पहली बार एकदिवसीय मैच खेल रही थी।
जवाब में उतरी बांग्लादेश के लिए 181 रनों का यह लक्ष्य आसान था, लेकिन कैनेडियन गेंदबाजों ने इसे कठिन बना दिया। कैनेडियन गेंदबाज ऑस्ट्रिन कॉड्रिंगटन ने इस मैच में 5 विकेट चटकाए थे। कनाडा के गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश की टीम 120 रनों पर ऑलआउट हो गई।
#2. भारत vs वेस्टइंडीज, फाइनल- 1983:
वर्ल्ड कप 1983 में भारतीय टीम ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल मुकाबला लॉर्ड्स के मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला गया था। वेस्टइंडीज की टीम पिछला दोनों वर्ल्ड कप (1975, 1979) जीतकर आई थी। इस मैच में भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 54.4 ओवरों में 183 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
वेस्टइंडीज की ओर से बल्लेबाजी करने उतरे विवियन रिचर्ड्स (33) के विकेट गिरने के बाद भारतीय टीम वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर पूरी तरह से हावी हो गई। भारतीय गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी की बदौलत वेस्टइंडीज की टीम 140 रनों पर ऑलआउट हो गई और भारत ने इस मैच को 43 रनों से जीतकर पहली बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया। इस मैच में एस मदनलाल और मोहिंदर अमरनाथ तीन-तीन विकेट चटकाए थे।
#1. वेस्टइंडीज vs इंग्लैंड, फाइनल- 1979:
क्लाइव लॉयड के नेतृत्व में वेस्टइंडीज टीम 1979 में दूसरी बार वर्ल्ड कप फाइनल खेल रही थी। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज टीम शुरुआती 55 के स्कोर पर 3 विकेट खो चुकी थी जबकि 99 के स्कोर पर कप्तान क्लाइव लॉयड भी आउट हो गए। लेकिन इसके बाद सर विवियन रिचर्ड्स ने 138* रनों की नाबाद पारी खेली। इनके अलावा कॉलिस किंग ने भी 66 गेंदों पर 88 रनों की शानदार पारी खेली। उनकी इस पारी की बदौलत टीम का स्कोर 286 रनों तक पहुंच पाया।
जवाब में उतरी इंग्लैंड की टीम की शुरुआत तो अच्छी रही लेकिन कैरेबियाई गेंदबाज जोएल गार्नर के 5 विकेट लेने के कारण वेस्टइंडीज ने यह मुकाबला 92 रनों से जीत लिया और लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया।