वर्ल्ड कप इतिहास के 5 ऐसे मैच जब टीम की पारी लड़खड़ा गई

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#2. भारत vs वेस्टइंडीज, फाइनल- 1983:

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वर्ल्ड कप 1983 में भारतीय टीम ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई थी। फाइनल मुकाबला लॉर्ड्स के मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला गया था। वेस्टइंडीज की टीम पिछला दोनों वर्ल्ड कप (1975, 1979) जीतकर आई थी। इस मैच में भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 54.4 ओवरों में 183 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।

वेस्टइंडीज की ओर से बल्लेबाजी करने उतरे विवियन रिचर्ड्स (33) के विकेट गिरने के बाद भारतीय टीम वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर पूरी तरह से हावी हो गई। भारतीय गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी की बदौलत वेस्टइंडीज की टीम 140 रनों पर ऑलआउट हो गई और भारत ने इस मैच को 43 रनों से जीतकर पहली बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया। इस मैच में एस मदनलाल और मोहिंदर अमरनाथ तीन-तीन विकेट चटकाए थे।

#1. वेस्टइंडीज vs इंग्लैंड, फाइनल- 1979:

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क्लाइव लॉयड के नेतृत्व में वेस्टइंडीज टीम 1979 में दूसरी बार वर्ल्ड कप फाइनल खेल रही थी। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज टीम शुरुआती 55 के स्कोर पर 3 विकेट खो चुकी थी जबकि 99 के स्कोर पर कप्तान क्लाइव लॉयड भी आउट हो गए। लेकिन इसके बाद सर विवियन रिचर्ड्स ने 138* रनों की नाबाद पारी खेली। इनके अलावा कॉलिस किंग ने भी 66 गेंदों पर 88 रनों की शानदार पारी खेली। उनकी इस पारी की बदौलत टीम का स्कोर 286 रनों तक पहुंच पाया।

जवाब में उतरी इंग्लैंड की टीम की शुरुआत तो अच्छी रही लेकिन कैरेबियाई गेंदबाज जोएल गार्नर के 5 विकेट लेने के कारण वेस्टइंडीज ने यह मुकाबला 92 रनों से जीत लिया और लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया।

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