भारत इस समय दुनिया के शीर्ष क्रिकेट देशों में से एक है, और क्रिकेट की प्रतिभाओं का घर रहा है। देश में क्रिकेट शुरू होने के बाद से कई बेहतरीन क्रिकेटर उभर कर सामने आयी हैं। फारुख इंजीनियर से लेकर सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली तक और अब शुबमन गिल तक कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर उभर कर सामने आये हैं।
हालांकि, सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपने देश के लिए नहीं खेल पाते हैं, और अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन न कर पाने के कारण वह इतिहास के पन्नो में दर्ज नाम भर रह जाते हैं करते हैं। समय समय पर ऐसे कई प्रतिभाशाली क्रिकेटर सामने आये हैं और वसीम जाफर, अमोल मजूमदार और सुब्रमण्यम बद्रीनाथ कुछ ऐसे ही नाम रहे हैं।
यहां तक कि क्रिकेटरों की वर्तमान पीढ़ी में, कई युवाओं को आईपीएल के दौरान ही भुला दिया जाता है। यहाँ हम वर्तमान पीढ़ी के 5 ऐसे ही खिलाड़ियों पर नज़र डाल रहे हैं जो कहीं न कहीं चयन की होड़ से बाहर हो चुके हैं
#5 मनन वोहरा
एक ऐसे होनहार युवा बल्लेबाज जिनका प्रदर्शन पिछले 15 महीनों में काफ़ी खराब होता गया है। मनन वोहरा को एक समय भविष्य के बड़े खिलाड़ी के रूप में देखा जाता था। उन्हें शुरुआत में 2012 में U19 विश्व कप टीम के लिए चुना गया था, लेकिन उंगली की चोट के कारण उन्हें नाम वापस लेना पड़ा। मनन वोहरा एक आक्रामक खिलाड़ी रहे हैं, वह KXIP के लिए अत्यधिक प्रभावशाली थे और बल्ले से आक्रामक तेवर दिखाए थे।
आरसीबी ने 2018 की नीलामी में खरीदा और यहीं से इस युवा खिलाड़ी का खराब दौर शुरू हुआ। उन्हें एक ऐसी टीम के लिए सलामी बल्लेबाज के रूप में चुना गया, जिसमें पहले से ही ब्रेंडन मैकलम, क्विंटन डी कॉक, विराट कोहली और पार्थिव पटेल थे। नतीजतन, यह युवा खिलाड़ी सिर्फ 4 मैच खेल पाया था और 2019 की नीलामी के पहले 2 राउंड में उनके लिए कोई बोली नही लगी। हालाँकि वह भाग्यशाली रहे और राजस्थान रॉयल्स ने नीलामी के अंत में उन्हें खरीदा।
हालांकि, अजिंक्य रहाणे, राहुल त्रिपाठी और जोस बटलर जैसे सलामी बल्लेबाजों की मौजूदगी में उन्हें ज्यादा मौके मिलने की संभावना कम ही नज़र आ रही हे। इस 25 वर्षीय खिलाड़ी को इंडिया ए टीम में भी ज्यादा अवसर नहीं मिले और वर्तमान में चयन के मुकाबले से बाहर है। एक होनहार खिलाड़ी के करियर को इस प्रकार ढलान की ओर बढ़ते देखना बहुत निराशाजनक है और सिर्फ उम्मीद ही की जा सकती है कि वह अपने करियर को फिर से पटरी पर ला सकें।
#4 उन्मुक्त चंद
2012 के अंडर-19 विश्व कप के बाद, उन्मुक्त चंद एक सितारे के रूप में उभरे थे। एक समय उन्हें अगले कोहली के रूप में देखा जा रहा था, जब उन्होंने फाइनल में एक शतक बनाया। उसके बाद उन्हें आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट मिला था। हालांकि, चीज़ें इतनी तेज़ी से बदलीं की यह युवा कहीं खो सा गया।
वह आईपीएल में असफल रहे और घरेलू स्तर पर भी दिल्ली की ओर से सफलता नहीं पा सके। परिणामस्वरूप, वह बहुत जल्दी चर्चाओं से बाहर हो गए और भारत-ए के लिए भी वह चयन की दौड़ से बाहर हो गये। यहां तक कि उन्हें दिल्ली की टीम से भी बाहर कर दिया गया, जो उनके खराब फॉर्म को दर्शाता है। यहाँ तक कि आज भी दिल्ली की अंतिम एकादश में उनकी जगह की गारंटी नही है।
उनका ग्राफ उनके साथ के अंडर 19 साथियों जैसे हनुमा विहारी, संजू सैमसन और यहां तक कि मनन वोहरा से भी आगे था। हालाँकि अब वह काफी पिछड़ चुके हैं। ऐसे में उन्हें भारतीय टीम में जगह पाने के लिए अब किसी चमत्कार की आवश्यकता होगी क्योंकि वह आईपीएल में नहीं हैं और उन्होंने दिल्ली के लिए कुछ भी असाधारण नहीं किया है।
#3 सूर्यकुमार यादव
अपनी पीढ़ी के सबसे ख़राब किस्मत वाले क्रिकेटरों में से एक, सूर्यकुमार यादव बस अपनी किस्मत को ही कोस सकते हैं। वह पिछले 4-5 वर्षों में आईपीएल और घरेलू सर्किट दोनों में सबसे उम्दा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए काफी शानदार तरीके से फिनिशर की भूमिका निभाई और पिछले सीज़न में सलामी बल्लेबाज़ के रूप में भी उनका प्रदर्शन अच्छा रहा।
उसके पास सभी तरह के शॉट खेलने की क्षमता है। वह सभी प्रारूपों में लगातार अच्छा करते रहे हैं और एक प्रभावी पार्ट टाइम गेंदबाज भी है। वह भारत की नंबर 4 की समस्या का समाधान हो सकते हैं, और इस तरह शायद उनका राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने का सपना पूरा हो सके।
उन्होंने केवल भारत-ए टीम के लिए छिटपुट प्रदर्शन किए हैं और उन्हें ज्यादा अवसर भी नही मिले हैं। ऐसे में अब यही उम्मीद है की यह 28 वर्षीय खिलाड़ी आईपीएल में एक और शानदार सीज़न के साथ, भारतीय क्रिकेट टीम में चयन की होड़ में शामिल हो सकें।
# 2 संदीप शर्मा
संदीप शर्मा पिछले कुछ सीज़न में आईपीएल के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने पिछले 6 सीज़न मेे 68 मैच में 83 विकेट लिए हैं। उन्होंने शुरुआत में और अंतिम ओवेरों में गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 7.73 की इकॉनमी से रन दिए हैं। 'सैंडी' घरेलू स्तर पर पंजाब के लिए शानदार रहे हैं और लगातार उनके लिए विकेट चटकाटे रहे हैं।
इस 25 साल के स्विंग गेंदबाज के पास भुवनेश्वर कुमार की तरह स्विंग कराने की क्षमता है। फिर भी, वह अपनी टीम में नियमित जगह नही बना पाए हैं, जिसे चौंकाने वाला माना जा सकता है। अंतिम एकादश से बाहर किए जाने के कारण, उन्होंने ए टीम के साथ अपने अवसरों को भी खो दिया है।
उन्होंने पूरी तरह से बाहर होने से पहले, 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत के लिए टी 20 खेला था। आने वाले कुछ महीने यह तय कर सकते हैं कि उनका करियर किस दिशा में जायेगा। अच्छा प्रदर्शन उन्हें होड़ में बनाये रखेगा, जबकि खराब या औसत दर्जे का प्रदर्शन उन्हें दौड़ से बाहर भी कर सकता है।
#1 संजु सैमसन
संजू सैमसन जब 2013 में सामने आये तो उनको एमएस धोनी के उत्तराधिकारी के रूप में देखा गया था। उस समय वह सभी की नज़रों में थे और उन्हें भारतीय टीम में भी जल्द ही मौका मिला था। उन्हें 2014 में भारत के इंग्लैंड दौरे के लिए चुना गया था और 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने पदार्पण किया था। उन्होंने एक मात्र टी20 खेला और उसके बाद उन्हें बाहर कर दिया गया।
वह 12-15 महीनों के लिए इंडिया ए में मौजूद थे और आखिरकार वहां से भी बाहर हो गये। आखिरी बार ए टीम का प्रतिनिधित्व किये उन्हें 6-7 महीने हो चुके हैं। अब ऋषभ पंत, इशान किशन, श्रीकर भारत और कुछ अन्य खिलाड़ी उनसे बेहतर पसंद बन उभरे हैं।
वह राजस्थान रॉयल्स और केरल के लिए एक बेहतरीन रन-स्कोरर रहे हैं। उन्होंने स्थिति के अनुसार खेलने की क्षमता दिखाई है और एक खिलाड़ी के रूप में परिपक्व हुए हैं। सभी ने उन्हें पारी को बनाने वाले बालेबाज़ की भूमिका निभाते हुए देखा है और साथ ही उन्हें गेंदों पर प्रहार करते हुए भी देखा। अब यही उम्मीद की जा सकती कि वह आने वाले कुछ सालों में ऐसा प्रदर्शन कर सकें की वापस वह चयन की होड़ में अपनी जगह बना सकें।