क्रिकेट में कुछ भी घटित हो सकता है और उसके लिए समय भी नहीं देखा जाता है। महान अनिश्चितताओं का खेल भी शायद क्रिकेट को इसलिए कहा जाता है। हारे मैच जीत में बदल जाते हैं और जीते हुए मुकाबले हार में तब्दील हो जाते हैं इसलिए यह क्रिकेट को आखिरी गेंद तक देखा जाता है और रोमांचल मैचों में तो यह चीज निश्चित रूप से होती ही है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई मौकों पर बल्लेबाजों ने विपक्षी टीमों से मैच छीने हैं।
अंतरराष्ट्रीय मैचों में कई बार ऐसा देखने को मिला है जब क्रिकेट मुकाबले अंत तक गए हैं। बल्लेबाजों ने फील्डिंग टीम के पक्ष में जाते हुए मैच को भी अपने बल्ले से खुद के पक्ष में मोड़ दिया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा कई बार देखने को मिला है जब बल्लेबाज ने अंतिम गेंद पर टीम को जीत दिलाई हो। कई बार गेंद को सीमा रेखा से बाहर भेजकर जीत दिलाई गई तथा कई बार दौड़कर रन लेते हुए भी टीम को जीत मिली है। ख़ास बात यह रही कि कुछ बल्लेबाजों ने अंतिम गेंद पर छक्का जड़कर अपनी टीम को जीत दिलाई। इस आर्टिकल में ऐसे ही छह बल्लेबाजों का जिक्र किया गया है जिन्होंने आखिरी गेंद पर छक्के से अपनी टीम को जीत दिलाई।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंतिम गेंद पर छक्के से जीत दिलाने वाले बल्लेबाज
जावेद मियाँदाद
शारजाह में 1986 में खेलते हुए जावेद मियाँदाद ने चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर पाकिस्तान को भारत के खिलाफ जीत दिलाई थी। इस मैच में पाकिस्तान की टीम 246 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। जावेद मियाँदाद के इस छक्के को आज भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में याद किया जाता है। दोनों देशों के बीच इस छक्के का प्रभाव कई सालों तक देखने को मिला।
लांस क्लूजनर
नैपियर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका के लिए लांस क्लूजनर ने 1999 में अंतिम गेंद पर छक्का जड़ा था। यह मुकाबला 40 ओवर का कर दिया गया था। डियोन नैश की गेंद पर क्लूजनर ने छक्का जड़ा। हालांकि दक्षिण अफ्रीका को महज चार रनों की जरूरत थी लेकिन बल्लेबाज ने छक्का जड़ दिया।
ब्रेंडन टेलर
जिम्बाब्वे के ब्रेंडन टेलर ने बांग्लादेश के मशरफे मोर्तजा की अंतिम गेंद पर छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाई थी। 2006 में उन्होंने हरारे में ऐसा किया था। जीत के लिए पांच रन जी जरूरत को देखते हुए टेलर ने हवाई शॉट से छह रन जुटाए थे।
शिवनारायण चन्द्रपॉल
श्रीलंका के खिलाफ 2008 में वेस्टइंडीज को अंतिम दो गेंद पर जीतने के लिए 10 रन चाहिए थे। चन्द्रपॉल ने पांचवीं गेंद पर चौका और अंतिम गेंद पर छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाई। ख़ास बात यह है कि उनके सामने चमिंडा वास गेंदबाजी कर रहे थे।
दिनेश कार्तिक
श्रीलंका में हुई निदहास ट्रॉफी के फाइनल मैच में दिनेश कार्तिक ने छक्का जड़कर टीम को ख़िताब दिलाया था। इस टी20 मैच में दिनेश कार्तिक ने आतिशी पारी खेलते हुए महज 8 गेंद पर नाबाद 29 रन बनाए थे। उन्हें मैन ऑफ़ द मैच चुना गया।
रयान मैक्लैरेन
न्यूजीलैंड के खिलाफ 2013 में एक वनडे में दक्षिण अफ्रीका को जीतने के लिए अंतिम ओवर में आठ रन चाहिए थे। मैक्लैरेन ने जेम्स फ्रेंकलिन के ओवर की अंतिम गेंद पर पुल शॉट से छक्का जड़कर मैच दक्षिण अफ्रीका की झोली में डाल दिया।