जब आप कोई टूर्नामेंट लम्बे समय तक खेलते हैं तो फिर इस दौरान कई तरह के जोखिम भी होते हैं। कई बार आप के अहम खिलाड़ी चोटिल भी हो जाते हैं और कुछ खिलाड़ियों का प्रदर्शन का स्तर भी गिर जाता है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की प्रतियोगिता भी लगभग दो साल तक चली और इस दौरान टॉप 9 टीमों के बीच हमें उच्च स्तरीय क्रिकेट देखने को मिली। लीग चरण में भारत और न्यूजीलैंड ने टॉप दो स्थानों पर अपना कब्जा जमाते हुए फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल में भारतीय टीम अपने अच्छे प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रही और न्यूजीलैंड ने इस अहम टूर्नामेंट को जीतकर अपने आप को सर्वश्रेष्ठ टीम साबित किया।
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भारतीय टीम का सफर फाइनल मुकाबले को हटाकर पूरे टूर्नामेंट में काफी हद तक अच्छा रहा। वैसे तो भारतीय टेस्ट टीम में जगह पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है लेकिन कोरोना महामारी के कारण के कारण बड़े स्क्वॉड की वजह से कई खिलाड़ियों को टीम के साथ जुड़ने का मौका मिला और उनमें से कुछ को अपने देश के लिए टेस्ट फॉर्मेट में खेलने का गौरव भी प्राप्त हुआ। कुछ खिलाड़ियों को उनके शानदार प्रदर्शन तथा कुछ को प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण मौका मिला। इस आर्टिकल में हम उन 7 खिलाड़ियों का जिक्र करने जा रहे हैं, जिन्होंने WTC के दौरान भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया।
7 भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने WTC के जरिए अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की
#7 अक्षर पटेल
अक्षर पटेल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के लिए डेब्यू करने वाले सातवें और आखिरी खिलाड़ी थे। पटेल को इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में हुए चार टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में डेब्यू का मौका मिला था और उन्होंने पूरी सीरीज में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से अपने चयन को सही साबित किया। अक्षर ने अपने डेब्यू टेस्ट में 7 विकेट चटकाए थे और पूरी सीरीज के तीन मैचों में 27 विकेट हासिल किये थे।
#6 शाहबाज नदीम
बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज शाहबाज नदीम को अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने का मौका 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गयी सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में मिला था। सीरीज का तीसरा मैच रांची में हुआ था और भारत ने जडेजा और अश्विन के साथ नदीम को तीसरे स्पिनर के रूप में खिलाया था। नदीम ने अपने डेब्यू टेस्ट में दोनों पारियों को मिलाकर कुल 4 विकेट चटकाए थे।
#5 टी नटराजन
टी नटराजन को आईपीएल 2020 में धमाकेदार प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक अतिरिक्त गेंदबाज के तौर पर ले जाया गया था लेकिन उनके लिए यह दौरा किसी भी सपने के सच होने से कम नहीं था। नटराजन को इस दौरे पर भारत के लिए तीनों ही प्रारूपों में डेब्यू का मौका मिला था।
टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच से पहले नटराजन को टेस्ट स्क्वॉड में शामिल किया गया था और गाबा में खेले गए चौथे टेस्ट में उन्हें डेब्यू का मौका मिला था। डेब्यू टेस्ट में उन्होंने 3 विकेट हासिल किये थे।
#4 नवदीप सैनी
नवदीप सैनी को भी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही अपने टेस्ट डेब्यू का मौका मिला था। इस गेंदबाज को तीसरे टेस्ट मैच से पहले उमेश यादव के चोटिल होने पर प्लेइंग XI में शामिल किया गया था। सैनी के पास तेज गति से गेंदबाजी करने की क्षमता है और इसीलिए कप्तान रहाणे ने इन्हें बेहतर विकल्प समझा। अपने डेब्यू टेस्ट में सैनी ने 4 विकेट चटकाए थे।
#3 मोहम्मद सिराज
तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को भी ऑस्ट्रेलिया में ही भारत के लिए डेब्यू का मौका मिला था। शमी के चोटिल होने पर सिराज को इस प्रारूप में अपनी काबिलियत दिखाने का मौका मिला। ऑस्ट्रेलिया दौरे के दूसरे टेस्ट मैच में मेलबर्न में अपना डेब्यू करते हुए सिराज ने अपने डेब्यू टेस्ट में 5 विकेट चटकाए। इसके अलावा उन्होंने पूरी सीरीज के दौरान बेहतरीन गेंदबाजी की और भारत की सीरीज जीत में अहम रोल निभाया।
#2 वॉशिंगटन सुंदर
ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर को रविचंद्रन अश्विन के चोटिल होने के बाद टीम में शामिल किया गया था। सुंदर को उनकी ऑलराउंड स्किल की वजह से टीम में चुना गया था। सुंदर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के आखिरी मैच में मौका मिला था और उन्होंने अपनी ऑलराउंड खेल से भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
सुंदर ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान 3 विकेट चटकाए, जिसमें स्टीव स्मिथ का अहम विकेट भी शामिल था। इसके बाद उन्होंने भारत की पहली पारी में बल्ले के साथ अहम 62 रन बनाये। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में सुंदर को एक विकेट मिला। मैच की चौथी पारी में भी उन्होंने 22 रन बनाये थे और लक्ष्य का पीछा करने में अपना योगदान दिया था।
#1 शुभमन गिल
घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा करने और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वार्मअप मैचों में अच्छा करने के बाद शुभमन गिल को पहले टेस्ट के बाद पृथ्वी शॉ की जगह मौका दिया गया। गिल ने अपने डेब्यू टेस्ट में ही शानदार बल्लेबाजी की और उस मैच में दोनों पारियों को मिलाकर कुल 80 रन बनाये थे। लक्ष्य का पीछा करते हुए गिल 35 रन बनाकर नाबाद रहे थे और भारत को जीत दिलाई थी। अगले टेस्ट मैच में गिल ने अपने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक लगाया। इसके अलावा सीरीज के आखिरी टेस्ट में उन्होंने 328 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 91 रन की जबरदस्त पारी खेली थी।