हाल ही में श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच 5 वें एकदिवसीय मैच के दौरान एक दिलचस्प घटना देखने को मिली। श्रीलंका के सचित्रा सेनानायके ने अपनी गेंदबाजी के दौरान नॉन-स्ट्राइकर छोर पर गिल्लियां बिखेर दीं। जोस बटलर क्रीज़ से बाहर थे। एक अपील की गई और बटलर को रन-आउट घोषित किया गया। ऐसा ही दृश्य आईपीएल में फिर बटलर के साथ हुआ। मगर इस बार गेंदबाज आर अश्विन थे। इस प्रकार की घटना को खेल भावना से जोड़कर देखा जाने लगा है। लेकिन यह पहली बार नहीं था जब किसी क्रिकेट मैच के दौरान ऐसा हुआ था। इस अधिनियम को क्रिकेट में 'मांकडिंग' के रूप में जाना जाता है। हम यहां जानेंगे कि 'मांकडिंग' के बारे में कुछ रोचक तथ्य हैं ज्यादातर लोग इससे अनजान होंगे।
#1 वीनू मांकड़ से बना 'मांकडिंग'
भारत के ऑस्ट्रेलिया के दौरे(1947/48) में वीनू मांकड़ के द्वारा सबसे पहले इस प्रकार का कृत्य किया गया। सिडनी टेस्ट में वीनू मांकड़ ने गेंदबाजी के दौरान नॉन स्ट्राइकर छोर पर बिल ब्राउन की गिल्लियां बिखेर दी। उन्हें रन आउट करार दिया गया।
यह दूसरी घटना थी जब मांकड़ ने ब्राउन को इस अनूठे ढंग से आउट किया। इससे पहले मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया इलेवन के खिलाफ ब्राउन को आउट किया था। वीनू मांकड़ के इस कृत्य को खेल भावना से जोड़कर देखा जाने लगा। उनकी ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में काफी आलोचना भी हुई। यहीं से 'मांकडिंग' शब्द चर्चा में आया।
#2 बहुत पुराना है मांकडिंग का नियम
भारत के वरिष्ठ क्रिकेट विश्लेषक मोहनदास मेनन ने इस नियम से सम्बंधित एक रोचक तथ्य बताया। उन्होंने बताया कि यह सन 1800 के समय भी यह नियम प्रयोग में लाया जाता था जब क्रिकेट कुछ सीमित जगहों पर ही खेला जाता था।
#3 क्या कहते हैं नियम
नियम 41.16 में स्पष्ट तौर पर कहा गया है 'गेंदबाज को, जब वह गेंद नहीं फेंक चुका हो और अपनी आम डिलीवरी के लिए स्विंग पूरा ना किया हो तब तक नॉन स्ट्राइकर एंड पर रन आउट करने की अनुमति मिलती है।
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