टेस्ट प्रारूप में भारत के सबसे अहम खिलाड़ियों में से एक ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) घर पर टीम के सबसे बड़े मैच विनर कहें जा सकते हैं लेकिन विदेशों में उनके प्रदर्शन पर सवाल खड़े होते रहे हैं और कई बार उन्हें प्लेइंग XI से बाहर भी बैठना पड़ा है। भारत के दक्षिण अफ्रीका के आगामी दौरे पर एक बार देखना दिलचस्प होगा कि क्या अश्विन को वहां मौका दिया जायेगा या नहीं। अश्विन को लेकर पूर्व भारतीय खिलाड़ी सबा करीम का भी बयान आया है, जिनके मुताबिक अगर अश्विन को प्लेइंग XI से दक्षिण अफ्रीका दौरे पर ड्रॉप करने की योजना है तो राहुल द्रविड़ की अगुवाई वाला टीम मैनेजमेंट अश्विन को स्पष्ट तौर पर बताएगा।
यूट्यूब चैनल खेलनीति पर बोलते हुए, करीम ने बताया कि अश्विन जैसे क्रिकेटर को यह समझाना मुश्किल था कि उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि अनुभवी खिलाड़ी के एक अलग तरह के दृष्टिकोण की जरूरत है। सबा करीम ने कहा,
मुझे यकीन है कि पिछले टीम मैनेजमेंट ने भी रविचंद्रन अश्विन को टीम के विदेशी मैचों के लिए नहीं चुनने का कारण समझाने की पूरी कोशिश की होगी। लेकिन अश्विन को मनाना बहुत मुश्किल है। समझाने के लिए एक अलग तरह के कम्युनिकेशन की जरूरत है मुझे विश्वास है कि यदि इस तरह के निर्णयों को फिर से लेने की आवश्यकता होती है तो मैनेजमेंट निश्चित रूप से अच्छी तरह से कम्यूनिकेट करेगा
अश्विन ने पिछले कुछ सालों में लगातार जबरदस्त प्रदर्शन किया है और इसके बावजूद उन्हें इंग्लैंड दौरे पर एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। इसको लेकर विराट कोहली और रवि शास्त्री की जोड़ी पर सवाल भी उठे थे।
करीम ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ऑफ स्पिनर को ड्रॉप करना मुश्किल होगा, क्योंकि वह हाल के दिनों में शानदार फॉर्म में हैं। विशेष रूप से, अश्विन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में 14 विकेट लिए और उन्हें मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया।
प्रदर्शन और परिस्थितियां दोनों ही बहुत मायने रखती हैं और आपको इन-फॉर्म खिलाड़ी की भूमिका निभानी चाहिए। अश्विन आपके प्रमुख स्पिनर हैं और उन्हें दक्षिण अफ्रीका में ड्रॉप करना मुश्किल होगा।
विदेशों में जडेजा को अश्विन से पहले बल्लेबाजी की वजह से तरजीह मिलती है - सबा करीम
सबा करीम ने कहा कि अश्विन घर पर एक जबरदस्त मैच विनर हैं और बिना किसी संदेह के टीम में उनकी जगह बनती है लेकिन विदेशों में ऐसा नहीं है।
करीम के मुताबिक विदेशों में भारत पांच गेंदबाजों के साथ उतरता है और जडेजा को स्पिनर के रूप में अश्विन से पहले वरीयता दी जाती है क्योंकि उनके अंदर बल्लेबाजी की काबिलियत है। उन्होंने आगे कहा,
जब विदेशों में सीमिंग परिस्थितियां होती हैं, तो भारत का टेम्पलेट 4 तेज गेंदबाजों और 1 स्पिनर के साथ 5 गेंदबाजों का होता है। उन्हें सातवें नंबर पर एक अच्छे ऑलराउंडर की जरूरत है, क्योंकि वे सिर्फ 6 असली बल्लेबाजों के साथ खेल रहे हैं। यही कारण है कि जडेजा को विदेशी परिस्थितियों में तरजीह दी जाती है। लेकिन मेरा मानना है कि आपको ऐसे गेंदबाजों की जरूरत है जो आपको सफलता दिला सकें, इसलिए मुझे लगता है कि अश्विन को दक्षिण अफ्रीका में भी मौका मिलना चाहिए।
भारत को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर 3 टेस्ट और 3 वनडे मैच खेलने है। इस दौरे की शुरुआत 26 दिसंबर से सेंचुरियन में होने वाले टेस्ट से होगी।