सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने इंग्लैंड (England) के खिलाफ आतिशी पारी खेली लेकिन अम्पायर के सॉफ्ट सिग्नल के बाद उन्हें विवादास्पद तरीके से आउट दिया। सूर्यकुमार यादव को सैम करन की गेंद पर डेविड मलान ने फिने लेग सीमा रेखा पर कैच किया लेकिन गेंद जमीन को छूती हुई नजर आ रही थी। अम्पायर ने मामले को तीसरे अम्पायर के पास भेजने से पहले सॉफ्ट सिग्नल के रूप में आउट करार दिया। इसके बाद तीसरे अम्पायर ने पुख्ता रूप से नोट आउट का सबूत नहीं मिलने पर सूर्यकुमार यादव को मैदानी अम्पायर के निर्णय के कारण आउट दे दिया।
अम्पायर के इस फैसले के बाद सॉफ्ट सिग्नल के ऊपर सवाल खड़े हो गए कि सीमा रेखा पर इतनी दूर कैच के बारे में मैदानी अम्पायर कैसे आउट दे सकता है। ऐसा ही एक निर्णय इस मैच में वॉशिंगटन सुंदर के मामले में हुआ। इसके बाद सॉफ्ट सिग्नल के नियम को लेकर सवाल उठाए गए। सॉफ्ट सिग्नल में अगर मैदानी अम्पायर आउट देता है, तो पुख्ता सबूत के बिना तीसरा अम्पायर भी आउट ही देता है। यही कारण था कि सूर्यकुमार यादव को आउट दिया गया। इसके बाद कई पूर्व क्रिकटरों ने ट्विटर पर इस नियम के विरुद्ध सवाल खड़े किये।
(दानिश कनेरिया ने सूर्यकुमार यादव के आउट को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मैदानी और तीसरे अम्पायर के निर्णय को गलत बताया)
(आकाश चोपड़ा ने कहा कि यह नॉट आउट था, तकनीक को ही इस निर्णय को बदलने देना था)
(क्या हम सॉफ्ट सिग्नल से छुटकारा पा सकते हैं? इसका किसी भी तरह से कोई मतलब नहीं निकलता है।)
(तीसरे अम्पायर को वास्तविक समय में रिप्ले का मौका देना अच्छा विचार है और धीमी गति से रिप्ले में जूम किया जाता है, यह एक मुश्किल कैच में एक अन्य परिप्रेक्ष्य था)