मौजूदा टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) में भारतीय टीम (Indian Cricket Team) का जैसा प्रदर्शन रहा है, उसके बाद टीम के चयन प्रक्रिया को लेकर भी सवाल उठ गए हैं। दिग्गजों का मानना है कि हमें इस प्रारूप में बड़े नामों वाले खिलाड़ियों के पीछे नहीं भागना चाहिए और कुछ ऐसी ही राय पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा की भी है। चोपड़ा के मुताबिक भारत को इंग्लैंड (England Cricket Team) से काफी कुछ सीखना चाहिए। चोपड़ा का मानना है कि भारत बड़े नामों के पीछे भागता है लेकिन इंग्लैंड की टीम केवल उन्हीं खिलाड़ियों को चुनती है जो उनकी अवधारणा में फिट होते हैं। चोपड़ा ने इसके लिए इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज जो रुट (Joe Root) का उदाहरण दिया, जिन्हें इंग्लैंड ने टी20 वर्ल्ड कप में नहीं चुना।
टी20 वर्ल्ड कप में भारत और इंग्लैंड दोनों ही बड़े दावेदारों के रूप में उतरी थी लेकिन इस टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा और इंग्लैंड सेमीफाइनल में पहुंच गयी है।
अपने यूट्यूब पर सवाल-जवाब के दौरान आकाश चोपड़ा से जब यह पूछा गया कि भारत इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की कामयाबी से क्या सीख सकता है। इसके जवाब में उन्होंने कहा,
इस टीम का चीजों के प्रति अपना दृष्टिकोण है। इंग्लैंड को उसकी प्राथमिकताएं पता हैं और सभी खिलाड़ी एक ही दिशा में काम करते हैं। उन्होंने काउंटी सर्किट, नेटवेस्ट टी20 ब्लास्ट और द हंड्रेड के प्रदर्शन को देखकर ऑलराउंडरों को चुना। उन्होंने प्रारूप की मांग के अनुसार केवल सफेद गेंद वाले खिलाड़ियों का चयन किया।
आकाश चोपड़ा ने जो रुट का उदहारण देते हुए भारत की चयन प्रक्रिया पर उठाये सवाल
आकाश चोपड़ा ने आगे भारतीय चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाये और उनके मुताबिक अगर जो रुट भारतीय होते तो वह टी20 टीम में होते। उन्होंने कहा,
इंग्लैंड ने टेस्ट प्रदर्शन को ध्यान में नहीं रखा, चाहे वे कितने भी अच्छे क्यों न हों। जो रूट का मामला देखिए। अगर जो रूट भारतीय होते, तो क्या आपको लगता है कि वह भारतीय टी20 टीम का हिस्सा नहीं होते? मैं आपको लिखित में दे सकता हूं कि रूट 125 का स्ट्राइक रेट होने पर भी टीम का हिस्सा होते। वह टी20 टीम के कप्तान भी हो सकते थे। भारत की सोच ऐसी ही है। इंग्लैंड ऐसा नहीं सोचता।