इंग्लैंड (England) और भारत (India) के बीच टेस्ट सीरीज में सख्त बायो बबल में ढील देने का निर्णय इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने लिया है। पूर्व भारतीय खिलाड़ी आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने इस फैसले को लेकर सवाल उठाया है। आकाश चोपड़ा ने कहा कि इस निर्णय से कुछ गलत होता है, तो यह अच्छी बात नहीं होगी।
अपने यूट्यूब पर अपलोड एक वीडियो में आकाश चोपड़ा ने कहा कि वे (ईसीबी) कह रहे हैं कि यह एक नरम बबल होगा, जिसका अर्थ है कि यह इतना सख्त नहीं है और अगर यह सख्त नहीं है, तो वायरस को प्रवेश करने में लंबा समय नहीं लगता है। मैं अब थोड़ा चिंतित हूं कि क्या होने वाला है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनना सही लगता है कि लंबे बायो बबल हैं, जाहिर है थकान है और यह एक उबाऊ होता है लेकिन श्रृंखला के लिए इसका क्या मतलब है? आपने अभी-अभी देखा कि आपके पास पाकिस्तान के खिलाफ श्रृंखला में कोरोना मामले थे और आपने एक नई टीम को मैदान में उतारा, जो जीत भी गई लेकिन भगवान न करे ऐसा कुछ टेस्ट मैचों में हो।
चोपड़ा ने आगे स्टेडियम के अंदर भीड़ को अनुमति देने के लिए ईसीबी के कदम का उल्लेख किया। हाल ही में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच वनडे और टी20 सीरीज में खचाखच भरे स्टेडियम देखने को मिले थे। हाल ही में ऋषभ पंत को कोरोना वायरस से संक्रमित देखा गया है। हालांकि वह आइसोलेशन खत्म कर आने वाले हैं लेकिन हर बार प्रोटोकॉल में ज्यादा ढील चोपड़ा ने सही नहीं माना।
गौरतलब है कि ऋषभ पन्त के अलावा भारतीय टीम के थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। रिद्धिमान साहा को भी आइसोलेशन में भेजा गया है। इंग्लैंड में यूरो कप और विम्बलडन के बाद कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी गई है।