श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ आखिरी एकदिवसीय मैच में भारतीय टीम (Indian Team) में बड़े पैमाने पर बदलाव हुए। पांच खिलाड़ियों का डेब्यू इस मैच में देखने को मिला लेकिन आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) को यह निर्णय सही नहीं लगा। उन्होंने कहा कि एक गेम के लिए इस तरह का कदम अधिक व्यवस्थित टीम में काम करता, जबकि यहां केवल उन युवाओं पर अनुचित दबाव डालेगा जो सिर्फ दो गेम के बाद बाहर हो गए।
ESPN से एक बातचीत में आकाश चोपड़ा ने कहा कि सच कहूं तो मुझे यह जानकर हैरानी होती है कि भारत ने इतने सारे बदलाव किए हैं। अगर यह मुख्य पक्ष होता, जहां विराट कोहली, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर आदि हैं, तो आप उन बदलावों को समझ सकते हैं। लेकिन जब आप छोटे बच्चों की बात कर रहे हैं, जो अभी-अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रख रहे हैं। इशान किशन ने अभी दो मैच पहले ही पदार्पण किया था, पृथ्वी शॉ ने चार एक दिवसीय मैच खेले हैं। इन लोगों ने बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेला है और अब आप किसी और को आजमाने के लिए उन्हें बदलना चाहते हैं। एक गेम में आप क्या पाएंगे? मुझे नहीं पता।
आकाश चोपड़ा का पूरा बयान
उन्होंने यह भी कहा कि यदि आपने किसी को पहले खिलाया है, यदि उसने कुछ विशेष रूप से गलत नहीं किया है, यदि वह चोटिल नहीं हुआ है, तो उसे कम से कम तीन गेम दें। यह पांच-गेम श्रृंखला नहीं है जहां आप थोक में परिवर्तन करना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका के खिलाफ तीसरे मैच में भारतीय टीम के लिए संजू सैमसन, नितीश राणा, कृष्णप्पा गौतम, दीपक चाहर और चेतन सकारिया को डेब्यू करने का मौका मिला है। सीरीज पर पहले ही कब्जा जमा चुकी भारतीय टीम में इन खिलाड़ियों को आजमाने का निर्णय लेते हुए मौका दिया गया।
भारतीय पारी के दौरान मैच में बारिश का खलल देखने को मिला और मैच रोका गया। इसके बाद काफी देर तक खेल नहीं हो पाया। बारिश रुकने के बाद जब मैच शुरू हुआ तो ओवर कम करते हुए मैच को 47-47 ओवरों का कर दिया गया।