अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने तीन क्रिकेटरों नवीन उल हक, मुजीब उर रहमान और फजलहक फारुखी को विदेशी लीग्स में खेलने के लिए एनओसी देने से मना कर दिया है। उनके इस फैसले पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने सवाल उठाए हैं। आकाश चोपड़ा के मुताबिक ये तीनों खिलाड़ी अगर इस वक्त दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों में से एक हैं तो इसका श्रेय विदेशी टी20 लीग्स को ही मिलना चाहिए। इसमें अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कोई रोल नहीं है।
दरअसल इन तीनों खिलाड़ियों ने खुद को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से रिलीज किए जाने की मागं की थी, ताकि ये विदेशी टी20 लीग्स में खेल सकें। हालांकि बोर्ड ने तगड़ा एक्शन लेते हुए, इनके फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेलने पर बैन लगा दिया है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने तीनों खिलाड़ियों का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट भी रोक दिया है और अगले दो साल तक इन्हें टी20 लीग में खेलने के लिए एनओसी भी देने से मना कर दिया है, जिससे विभिन्न टी20 लीग्स में उनकी भागीदारी पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है।
दुनियाभर की लीग्स में खेलने की वजह से ही ये बड़े खिलाड़ी बन पाए - आकाश चोपड़ा
आकाश चोपड़ा ने अफगानिस्तान बोर्ड के इस फैसले को गलत बताया है। उन्होंने अपने यू-ट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान कहा,
अफगानिस्तान के तीन खिलाड़ियों नवीन उल हक, मुजीब उर रहमान और फजलहक फारुखी की एक ही कहानी है कि इन्हें एनओसी देने से मना कर दिया गया है। इसकी वजह ये है कि इनसे कहा गया है कि ये देश की बजाय अपने हितों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ये सुनने में तो काफी अच्छा लग रहा है लेकिन सच्चाई ये है कि इन प्लेयर्स के डेवलपमेंट में अफगानिस्तान बोर्ड का ज्यादा कुछ योगदान नहीं रहा है। आज ये इतने बड़े खिलाड़ी इसलिए हैं, क्योंकि इन्होंने दुनिया भर की टी20 लीग्स में जाकर खेला है।
आपको बता दें कि ये तीनों ही खिलाड़ी आईपीएल के आगामी सीजन का भी हिस्सा हैं।