अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने तीन राष्ट्रीय खिलाड़ियों मुजीब उर रहमान (Mujeeb Ur Rahman), फजल हक फारूकी (Fazal Haq Farooqi) और नवीन उल हक (Naveen Ul Haq) के 2024 वार्षिक केंद्रीय अनुबंध में देरी करने का फैसला किया है। इसके साथ ही बोर्ड ने इन खिलाड़ियों को अगले दो साल तक किसी भी लीग में खेलने के लिए नो ओबजेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की मंजूरी नहीं देने का फैसला किया क्योंकि इनके इरादे अपने वार्षिक केंद्रीय अनुबंध से रिलीज होने के हैं। अगर यह फैसला कायम रहा तो ये तीनों ही खिलाड़ी IPL 2024 से भी बाहर हो सकते हैं।
इन खिलाड़ियों ने केंद्रीय अनुबंध पर हस्ताक्षर इसलिए नहीं किए क्योंकि इन्होंने अफगानिस्तान के लिए खेलने पर कमर्शियल लीग को तरजीह दी। राष्ट्रीय जिम्मेदारी के अंतर्गत इन्हें राष्ट्रीय टीम के लिए अपनी उपलब्धता दिखानी थी। इन खिलाड़ियों के रिलीज होने के फैसले से एसीबी ने इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाने का फैसला किया है।
इसके जवाब में एसीबी ने मामले की पूरी तरह जांच करने, बोर्ड के हितों की सर्वोत्तम सेवा करने वाली उचित सिफारिशें विकसित करने और उन्हें एसीबी के शीर्ष प्रबंधन के लिए शेयर करने के लिए एक समर्पित समिति सौंपी है।
एक समिति सदस्य ने कहा, 'तीन खिलाड़ियों ने औपचारिक रूप से अपना फैसला एसीबी को बताया। उन्होंने 1 जनवरी 2024 से शुरू हो रहे वार्षिक केंद्रीय अनुबंध से खुद को रिलीज करने की इच्छा जताई। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय इवेंट्स में हिस्सा लेने पर अपनी सहमति पर विचार करने की गुजारिश की।'
समिति ने एसीबी के टॉप प्रबंधन को ये सिफारिशें प्रस्तुत की:
केंद्रीय अनुबंध नहीं देना: 1 जनवरी 2024 से शुरू होगा। तीनों खिलाड़ी एक साल तक के लिए केंद्रीय अनुबंध पाने के योग्य नहीं होंगे। इस मामले में एसीबी इवेंट्स में इनके हिस्सा लेने के बारे में सोचेगा और फैसला लेगा कि इनकी जरुरत है या नहीं।
एनओसी की मंजूरी में देरी: इन खिलाड़ियों को दो साल के लिए नो ओबजेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) प्राप्त करने के लिए अयोग्य माना जाएगा। सभी मौजूदा एनओसी तुरंत रद्द कर दी जाएंगी।
आईसीसी, एसीसी, सदस्य देशों/क्रिकेट बोर्डों और अफगानिस्तान जनता सहित क्रिकेट समुदाय को एसीबी के रुख को पारदर्शी रूप से बताएं।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का फैसला एसीबी के अहम मूल्यों और सिद्धांतों के मद्देनजर, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करके लिया गया है। यह हर एक खिलाड़ी के लिए एसीबी के सिद्धांतों को बरकरार रखने व अपने निजी हितों से ऊपर देश हित को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।