क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित टेस्ट सीरीज में से एक एशेज सीरीज (Ashes 2021-22) में इंग्लैंड क्रिकेट टीम की एक शर्मनाक हार हुई है। 5 मैचों की इस टेस्ट सीरीज में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को बुरी तरह हराया और सीरीज को 4-0 से जीता। कप्तान जो रूट (Joe Root) की कप्तानी में ये इंग्लैंड की अब तक की सबसे करारी हार है। एशेज की समाप्ति के बाद जो रुट के कप्तान के तौर पर भविष्य को लेकर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान सर एलिस्टेयर कुक ने अपने विचार व्यक्त किये हैं, साथ ही उन्होंने इंग्लैंड के खराब प्रदर्शन पर भी प्रतिक्रिया दी है।
होबार्ट में खेले गए सीरीज के पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में 271 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने बिना किसी नुकसान के 68 रन जोड़े। इसके बाद एक विकेट गिरते ही लगातार बल्लेबाज आउट होते रहे और पूरी टीम महज 38.5 ओवर में 124 रन पर ढेर हो गयी तथा ऑस्ट्रेलिया ने 146 रन से मैच अपने नाम किया।
द टाइम्स के लिए अपने कॉलम में, कुक ने उल्लेख किया कि रुट को अपनी कप्तानी पर एक बड़ा निर्णय लेना है। वह कुछ समय सुर्खियों से दूर रहने के बाद ऐसा करने में सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने लिखा,
मेलबर्न में हार के बाद से प्रेस कॉन्फ्रेंस में, जो ने कहा है वो आगे बढ़ना चाहता है। लेकिन जब दो टेस्ट मैच खेले जाने बाकी हों तो आपको यही कहना होता है।
यह अच्छी तरह से हो सकता है जब वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर घर पर होगा, जिसके बाद उन्हें विचार करना होगा कि इंग्लिश रेड बॉल क्रिकेट में रिसेट की जरूरत है। एक नए युग की शुरुआत करने के लिए सही व्यक्ति वह सही व्यक्ति है या नहीं केवल जो रूट ही जानते हैं, मैं किसी भी तरह से उनके फैसले का पूरा सम्मान करता हूं।
कुक ने आगे कहा कि बड़ी हार के बाद आत्मविश्लेषण होना अनिवार्य है। उन्होंने आगे लिखते हुए कहा,
जब भी दोनों देशों में से किसी एक को भारी एशेज हार का सामना करना पड़ता है, एक समीक्षा अनिवार्य रूप से होती है, यह 2007 और 2014 में इंग्लैंड और 2011 में ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ।
2021 में इंग्लैंड में लाल गेंद के क्रिकेट की उपेक्षा हुयी - एलिस्टेयर कुक
इंग्लैंड के इस पूर्व दिग्गज ने माना कि पिछला साल इंग्लैंड क्रिकेट के लिए टेस्ट में अच्छा नहीं रहा है। कुक ने कहा
2021 वह वर्ष था जब इंग्लैंड ने लाल गेंद वाले क्रिकेट की उपेक्षा को पकड़ लिया। हम हाल के वर्षों में इससे दूर हो गए क्योंकि हम आमतौर पर अंग्रेजी परिस्थितियों में जीत जाते थे और कभी-कभी समस्याओं को छिपाने के लिए विदेशों में जीत हासिल करते थे।
अंत में कुक ने कहा कि अगर श्रीलंका में सीरीज जीत ना हासिल हुयी होती तो पिछ्ला साल और भी खराब हो सकता था।