इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड यानी ईसीबी (ECB) ने इस बात की घोषणा की है कि इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर एंड्रू स्ट्रॉस (Andrew Strauss) अब स्ट्रेटेजिक एडवाइजर और परफॉर्मेंस क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष नहीं रहेंगे। ईसीबी का यह फैसला बीते शुक्रवार को किए गए बोर्डरूम स्तर के बदलावों का एक हिस्सा है।
आपको बता दें कि इंग्लैंड के पूर्व कप्तान स्ट्रॉस सितंबर 2020 यानी करीब ढ़ाई साल से इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के लिए इन दोनों भूमिकाओं में काम कर रहे थे। एंड्रू स्ट्रॉस की छवि काफी अच्छी है। मौजूदा क्रिकेटर्स के साथ उनके बड़े अच्छे संबंध हैं इसलिए ईसीबी और इंग्लैंड में वह एक सम्मानित छवि वाले शख्स माने जाते हैं।
एंड्रू स्ट्रॉस ने इंग्लैंड क्रिकेट के लिए दिया अहम योगदान
स्ट्रॉस ने अपने एक बयान में कहा,
"मैंने ईसीबी में काम करने के दौरान अपने समय का काफी आनंद उठाया है। मुझे इंग्लैंड की टीमों के लिए अपना योगदान देने पर गर्व है। मैंने ये कदम ईसीबी के बाहर मेरे लिए बढ़ते जा रहे कामों की वजह से उठाया है। मैं बोर्ड को भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं क्योंकि वो इंग्लैंड क्रिकेट को विकसित करने में लगे हुए हैं।"
ईसीबी के लिए स्ट्रेटेजिक एडवाइजर और परफॉर्मेंस क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष का पदभार संभालने से पहले एंड्रू स्ट्रॉस ने 2015 और 2018 के बीच इंग्लैंड पुरुष क्रिकेट के निदेशक यानी डायरेक्टर के रूप में भी काम किया है। उसके बाद फरवरी से लेकर मई 2022 के बीच में उन्होंने अंतरिम क्षमता में भी काम किया था।
इसके अलावा स्ट्रॉस ने 2021-22 में ऑस्ट्रेलिया के हाथों एशेज में मिली 4-0 की हार के बाद स्थापित हाई-परफॉर्मेंस रिव्यू की देखरेख भी की थी। उस रिव्यू में इंग्लैंड क्रिकेट में विचार करने और लागू करने के लिए 17 सिफारिशें निर्धारित की गईं थी। रिव्यू में दो मुख्य मुद्दे काउंटी चैम्पियनशिप मैचों की कमी और घरेलू सीमित ओवरों के क्रिकेट के लिए विंडो वाले सुझावों को लागू नहीं किया गया। अब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रू स्ट्रॉस ने अपना पद छोड़कर ईसीबी से निकलने का मन बना लिया है। वह अगले महीने होने वाली बोर्ड की मीटिंग के बाद आधिकारिक तौर पर अपना पद छोड़ देंगे।