विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन लेग-स्पिनर्स में से एक से एक शेन वॉर्न (Shane Warne) का बीते शुक्रवार को निधन हो गया। वॉर्न का निधन थाईलैंड के एक विला में हुआ और उनकी मौत का कारण संभावित दिल का दौरा पड़ने को बताया गया है। 52 साल के वॉर्न का अंतरराष्ट्रीय करियर काफी शानदार रहा। उन्होंने लगभग 15 सालों तक आस्ट्रेलिया के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला था।
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस को लगता है कि वॉर्न ने जिस तरह से क्रिकेट खेला था वैसा कोई और खिलाड़ी नहीं खेल पाया। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के अंतरिम मैनेजिंग डायरेक्टर ने वॉर्न का सामना करने को सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया है। स्काई स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए स्ट्रॉस ने कहा,
निश्चित रूप से वह सबसे बड़े जादूगर थे। और भी कुछ ऐसे क्रिकेटर्स होंगे जिनका रिकॉर्ड वॉर्न की तरह ही काफी शानदार होगा, लेकिन किसी ने भी खेल को इस तरह नहीं खेला है जैसा वॉर्न खेलते थे। एक क्रिकेटर के रूप में उनका कद काफी बड़ा था और वह खेल को लेकर काफी जुनूनी थे। वह हमेशा प्रतिस्पर्धा करते थे और उनकी उंगलियों के जादू का तो हर कोई दीवाना था।
अदभुत रहा है वॉर्न का क्रिकेटिंग करियर
1992 में टेस्ट डेब्यू करने वाले वॉर्न का करियर काफी शानदार रहा और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 145 टेस्ट मुकाबले खेले। इसके अलावा वॉर्न ने 194 वनडे मैच भी खेले। टेस्ट में वॉर्न दूसरे सर्वाधिक 708 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। वह सबसे पहले 600 और 700 टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं और उनके इस रिकॉर्ड को बाद में मुथैय्या मुरलीधरन ने तोड़ा था।
वॉर्न आज भी मुरलीधरन के अलावा इकलौते ऐसे गेंदबाज हैं जिसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1,000 या उससे अधिक विकेट लिए हैं। वॉर्न को इंग्लैंड के खिलाफ गेंदबाजी करना काफी पसंद था और उन्होंने इस टीम के खिलाफ 36 टेस्ट में 195 विकेट चटकाए हैं। वॉर्न ने इंग्लैंड के खिलाफ 11 बार पारी में पांच या उससे अधिक और चार बार मैच में 10 या उससे अधिक विकेट हासिल किए हैं।