भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले ने शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन के साथ तुलना को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इन दोनों दिग्गज स्पिनरों के साथ उनकी तुलना से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि ये दोनों खिलाड़ी किसी भी पिच पर गेंद को टर्न कराने में माहिर थे।
अनिल कुंबले, शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन तीनों ही 1990 और 2000 के दशक में दुनिया के सबसे बड़े गेंदबाज थे। शेन वॉर्न ने जहां 'बॉल ऑफ सेंचुरी' फेंकी थी, तो वहीं अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मुकाबले में 10 विकेट लिए थे। वहीं मुथैया मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले दुनिया के इकलौते गेंदबाज हैं।
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पोमी म्बांग्वा के साथ इंस्टाग्राम लाइव के दौरान अनिल कुंबले ने कहा कि इन दो दिग्गजों के साथ मेरी तुलना से काफी मुश्किल हो गई थी, क्योंकि ये दोनों किसी भी सतह पर गेंद को घुमाने में सक्षम थे। मुथैया मुरलीधरन के खिलाफ मैंने काफी खेला है, क्योंकि भारत और श्रीलंका की टीमें आपस में ज्यादा खेलती थीं। जैसे ही मैं कोई रिकॉर्ड बनाता था तो मुरलीधरन मुझे बधाई जरुर देते थे। मैं उन्हें एडवांस में बधाई देता था कि मुरली बस 30 विकेट और हैं और फिर 500 विकेट आपके पूरे हो जाएंगे। फिर वो कहते थे कि नहीं-नहीं अभी लंबा सफर तय करना है। मैं उनसे कहता था कि तुम्हारे लिए बस 3 टेस्ट मैच की बात है।
अनिल कुंबले भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं
आपको बता दें कि अनिल कुंबले भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 619 विकेट अपने नाम किए हैं। अपने दम पर उन्होंने कई मैच भारतीय टीम को जिताए हैं। गौतम गंभीर जैसे पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि अनिल कुंबले भारत के सबसे बड़े मैच विनर थे।
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