विराट कोहली (Virat Kohli) ने पिछले कुछ समय में मैदान के बाहर कई चौंकाने वाले निर्णय लिए और कुछ ऐसा ही एक निर्णय 15 जनवरी की शाम को देखने को मिला। विराट ने सभी को हैरान करते हुए भारतीय टेस्ट टीम की भी कप्तानी छोड़ दी है। इस घोषणा के बाद हर तरफ चर्चाओं का दौर शुरू है। इस बीच बीसीसीआई (BCCI) की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा कि बीसीसीआई की तरफ से विराट पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था।
कोहली के टेस्ट कप्तानी छोड़ने का फैसला भारत के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज हारने के एक दिन बाद आया है। सबसे लंबे प्रारूप में विराट की सबसे बड़ी जीत 2018-19 के दौरान आई, जब भारतीय टीम ने विराट के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीती।
विराट अगले 2-3 साल तक कप्तानी कर सकते थे - अरुण धूमल
धूमल ने कहा कि कोहली भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में और दो-तीन साल तक बने रह सकते थे। न्यूज़ 18 के हवाले से उन्होंने कहा,
विराट कोहली पर बीसीसीआई या चयनकर्ताओं की ओर से पद छोड़ने का कोई दबाव नहीं था। यह उनका फैसला है और हम इसका सम्मान करते हैं, लेकिन वह कप्तान के रूप में दो से तीन साल और आगे बढ़ सकते थे।
गौरतलब है कि विराट कोहली ने सोशल मीडिया के माध्यम से कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने अपने पोस्ट में बीसीसीआई और साथी खिलाड़ियों को भी धन्यवाद कहा। इसके अलावा पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री का भी आभार जताया। आखिरी में विराट ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को धन्यवाद कहा, जिन्होंने उन पर कप्तानी का विश्वास दिखाया।
कोहली ने भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त किया। उन्होंने 68 मैचों में टीम का नेतृत्व किया, जिनमें से 40 में जीत हासिल की।