दिग्गज स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (Ashwin) ने भारतीय टीम (Indian Cricket Team) की कप्तानी नहीं कर पाने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि जब वो संन्यास ले लेंगे तब इस बारे में ज्यादा कुछ बता पाएंगे लेकिन अभी वो केवल मौके की तलाश में हैं।
भारतीय टीम में खेलने का सपना हर किसी का होता है और कई खिलाड़ी इस सपने को पूरा होते हुए भी देखते हैं लेकिन हर कोई राष्ट्रीय टीम में आकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल पाता। इन सबके बीच कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं जिन्हें टीम की कप्तानी करने का मौका भी मिलता है। कई बार खराब प्रदर्शन के कारण खिलाड़ियों को कप्तानी छोड़ते हुए भी देखा गया है। सचिन तेंदुलकर इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। भारतीय टीम में कुछ कप्तानों का रिकॉर्ड काफी ज्यादा अच्छा रहा है और उनकी तारीफ भी काफी ज्यादा होती रहती है। वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जो अपने करियर में कप्तान नहीं बन पाए।
संन्यास लेने के बाद मैं इस पर जवाब दे पाऊंगा - अश्विन
रविचंद्रन अश्विन की अगर बात करें तो वो एक बेहद अनुभवी प्लेयर हैं लेकिन वो भारतीय टीम के कप्तान नहीं बन पाए। इस बारे में जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो रिटायरमेंट के बाद इसको लेकर कोई बयान देंगे। उन्होंने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से इंटरव्यू में कहा,
एक बार जब मैं संन्यास ले लूंगा तब मैं इस सवाल का जवाब दे पाऊंगा। हालांकि तब तक मेरा सपना रहेगा। मैं मौके का इंतजार कर रहा हूं।
आपको बता दें कि वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में टेस्ट डेब्यू करने वाले अश्विन को भारतीय टीम के लिए टेस्ट प्रारूप में कप्तान बनने का मौका नहीं मिला है। उनकी गिनती अब दुनिया के महानतम टेस्ट ऑलराउंडर में होने लगी है। गेंद और बल्ले दोनों से उनका परफॉर्मेंस काफी शानदार रहा है।