टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ashwin) ने वर्ल्ड कप 2011 (World Cup) फाइनल के दौरान एम एस धोनी (Ms Dhoni) के बैटिंग ऑर्डर में नंबर 4 पर जाने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि एम एस धोनी बिल्कुल क्लियर थे कि उन्हें मैदान में जाकर मुरलीधरन को अटैक करना है और इसी वजह से उन्हें सफलता भी मिली।
दरअसल वर्ल्ड कप 2011 के दौरान एम एस धोनी ने फाइनल मैच में खुद को बल्लेबाजी में प्रमोट किया था। वो युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिए आए थे और 91 रनों की धुआंधार पारी खेलकर टीम को मैच जिता दिया था। इस चीज को लेकर काफी चर्चा हुई थी कि युवराज की जगह धोनी क्यों बैटिंग के लिए। बाद में ये पता चला कि मुरलीधरन गेंदबाजी कर रहे थे और इसी वजह से एम एस धोनी ने खुद मैदान में जाने का फैसला किया।
एम एस धोनी के इरादे पूरी तरह से स्पष्ट थे - अश्विन
अश्विन के मुताबिक एम एस धोनी के मन में कोई भी किसी तरह का शक नहीं था। उन्होंने हर्षा भोगले से बातचीत के दौरान कहा,
एम एस धोनी के मन में बिल्कुल भी शंका नहीं थी कि अगर मैं फेल हो गया तो क्या होगा। वो इस बात को लेकर क्लियर थे कि उन्हें मुरलीधरन को जाकर अटैक करना है। मेरे हिसाब से क्रिकेट में स्किल से ज्यादा मैन टू मैन बैटल की अहमियत होती है। मुरलीधरन को पता था कि एम एस धोनी की उनके खिलाफ बढ़त है।
एम एस धोनी की अगर बात करें तो वो दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीती। टीम ने सबसे पहले धोनी की कप्तानी में 2007 में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। इसके बाद 2011 में वनडे वर्ल्ड कप का टाइटल अपने नाम किया और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की। धोनी ने बेहतरीन कप्तानी के अलावा कई मैचों में अपनी बैटिंग के दम पर भारतीय टीम को जीत दिलाई।