Asian Games 2023 में बुधवार से पुरुष क्रिकेट टूर्नामेंट की शुरुआत हुई और पहले ही मुकाबले में नेपाल ने मंगोलिया (Mangolia vs Nepal) को 273 रनों से हराकर टी20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे बड़ी जीत का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए नेपाल ने 20 ओवर में 314/3 का विशाल स्कोर बनाया, जवाब में अपना डेब्यू टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेल रही मंगोलिया 13.1 ओवर में 41 रन बनाकर ढेर हो गई।
टॉस जीतकर मंगोलिया ने पहले गेंदबाजी चुनी और उनका फैसला पूरी तरह से गलत साबित हुआ। कुशल भुरतेल और आसिफ शेख की जोड़ी ने 4.5 ओवर में 42 रन जोड़े। आसिफ ने 17 गेंदों में 16 रन बनाये। वहीं भुरतेल 19 रन बनाकर आठवें ओवर में 66 के स्कोर पर चलते बने। यहाँ से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का सिलसिला शुरू हुआ। कुशल मल्ला ने कप्तान रोहित पौडेल के साथ मिलकर 193 रनों की साझेदारी की। पौडेल 27 गेंदों में 61 रन बनाकर आउट हुए लेकिन मल्ला ने सिर्फ 34 गेंदों में शतक जड़ा और टी20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड अपने नाम किया। मल्ला ने 50 गेंदों में 12 छक्के और आठ चौके की मदद से 137 रनों की नाबाद पारी खेली। वहीं दीपेंद्र सिंह ऐरी ने भी सिर्फ 10 गेंदों में आठ छक्कों की मदद से नाबाद 52 रन जड़ दिए, इस दौरान 9 गेंद में सबसे तेज टी20 अर्धशतक का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और युवराज सिंह (12 गेंद) को पीछे छोड़ा। इस तरह नेपाल ने 20 ओवर में 300 से अधिक का स्कोर बनाया और ऐसा करने वाली पहली टीम बनी। उन्होंने एक मुकाबले में सबसे बड़े टी20 टोटल का भी रिकॉर्ड अपने नाम किया। नेपाल की पारी में कुल 26 छक्के शामिल रहे, जो टी20 अंतरराष्ट्रीय में एक पारी में सबसे ज्यादा छक्कों का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। मंगोलिया की तरफ से लवसनज़ुंडुई एर्डेनेबुलगन, दावासुरेन जामयांसुरेन और मुंगुन अल्तनखुयाग को एक-एक सफलता मिली।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी मंगोलिया की शुरुआत खराब रही और शुरूआती चार ओवरों के अंदर ही उनका स्कोर 11/3 हो गया। ओपनर बायनतुशिग टेरबिश खाता भी नहीं खोल पाए, जबकि दूसरे ओपनर न्याम्बातर नारनबातार भी सिर्फ 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। कप्तान लवसनज़ुंडुई एर्डेनेबुलगन को भी खाता खोलने का मौका नहीं मिला और वह केसी करन का शिकार बने। इसी तरह विकेटों के गिरने सिलसिला चलता रहा और पूरी टीम 50 रनों का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाई। मंगोलिया के लिए दावासुरेन जामयांसुरेन ने सबसे ज्यादा 10 रन बनाये और वह दहाई के स्कोर तक पहुँचने वाले इकलौते बल्लेबाज रहे।