ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले टीम इंडिया को उम्मीद थी कि ये टूर उनके लिए अच्छा साबित होगा। एडिलेड में पहला टेस्ट मैच जीतने के साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए थे। एडिलेड में 31 रन से जीत हासिल करने के बाद टीम इंडिया ने पर्थ के नए ऑप्टस स्टेडियम में कंगारुओं के ख़िलाफ़ दूसरा टेस्ट मैच खेला।
पर्थ में नाथन लियोन के शानदार प्रदर्शन के आगे टीम इंडिया टिक नहीं पाई। मार्कस हैरिस और उसमान ख़्वाजा ने नाथन का बख़ूबी साथ दिया। मेज़बान ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ टेस्ट जीतकर सीरीज़ में 1-1 से बराबरी कर ली है। अब अगला मैच मेलबर्न में खेला जाएगा और सभी दर्शकों को उम्मीद है कि अगले टेस्ट मैच का भी कोई नतीजा ज़रूर निकलेगा।
हांलाकि सीरीज़ के दूसरे टेस्ट में भारत को हार का स्वाद चखना पड़ा, लेकिन इस मैच के पहले 4 दिन टीम इंडिया ने अच्छी क्रिकेट खेली है। भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या की वापसी हो गई है, ऐसे में विराट कोहली का ये दल बेहद उत्साहित है। हम यहां उन 3 वजहों की बात कर रहें हैं जिसके आधार पर ये कहा जा सकता है टीम इंडिया अगला टेस्ट मैच जीत सकती है।
#1 हार्दिक पांड्या की वापसी
सितंबर 2018 में हार्दिक पांड्या चोटिल हो गए थे। अब उनकी टीम इंडिया में वापसी हो चुकी है। मुंबई इंडियंस के ये स्टार खिलाड़ी अब अपना जलवा दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि पांड्या को हनुमा विहारी की जगह प्लेइंग XI में खेलने का मौका मिलेगा।
टीम इंडिया को पांड्या से हरफ़नमौला प्रदर्शन की उम्मीद है, उनके आने से टीम में एक और पेस गेंदबाज़ हो जाएगा। अभी पेस गेंदबाज़ी की ज़िम्मेदारी मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह के पास है। पांड्या बाउंस गेंद फेंकने में माहिर हैं, वो अक्स विपक्षी टीम की पार्टनरशिप तोड़ते हुए नज़र आते हैं।
25 साल के इस खिलाड़ी को शायद नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी की ज़िम्मेदारी मिल सकती है। हो सकता है कि पांड्या के टीम में आने के बाद ऋषभ पंत 7वें नंबर पर खेलने लगें। पांड्या और पंत दोनों ही तेज़ खेलने में माहिर हैं और जल्दी रन बनाते हैं। इन दोनों की जोड़ी टीम इंडिया को मज़बूती दे सकती है।
#2 बेहतर बैटिंग ऑर्डर
जैसा कि हमने पहले ही कहा है कि हार्दिक पांड्या के टीम में शामिल होने की वजह से टीम इंडिया की ताक़त बढ़ जाएगी। वो बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी और फ़ील्डिंग तीनों क्षेत्र में माहिर हैं। अब ये कहा जा सकता है कि टीम इंडिया का बैटिंग ऑर्डर और बेहतर हो गया है।
रविचंद्रन अश्विन भी चोट की वजह से दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे। अब उम्मीद है कि वो तीसरे टेस्ट मैच में प्लेइंग XI का हिस्सा होंगे। पर्थ टेस्ट में टीम इंडिया में 4 तेज़ गेंदबाज़ शामिल थे। ऋषभ पंत के बाद निचले क्रम में कोई अच्छा बल्लेबाज़ नहीं था।
जहां ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम के 4 बल्लेबाज़ों ने 71 रन बनाए थे, वहीं टीम इंडिया के 4 पुछल्ले बल्लेबाज़ महज़ 11 रन ही जोड़ पाए थे। ऐसे में ये ज़रूरी है कि निचले क्रम में ऐसे खिलाड़ी हों जो अच्छी बल्लेबाज़ी कर सकें। अश्विन और पांड्या के आने से टीम इंडिया की ये परेशानी दूर हो सकती है।
#3 विराट कोहली की मेहनत
पर्थ टेस्ट में कोई भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने लंबी पारी नहीं खेली, लेकिन विराट कोहली ऐसा करने में कामयाब रहे। दूसरे टेस्ट मैच में जब वो बल्लेबाज़ी करने पिच पर आए तो उनकी आंखों में एक बेहतर खेल को लेकर विश्वास साफ़ देखा जा सकता था। पहली गेंद से आख़िरी गेंद तक उन्होंने लगभग हर तरह के शॉट खेले हैं। उन्हें रोक पाना कंगारुओं के लिए बिलकुल भी आसान नहीं था।
कोहली के शानदार प्रदर्शन के अलावा ऑस्ट्रेलिया की कुछ नाकामियां भी रहीं हैं जो अब तक टीम इंडिया की अब तक की कामयाबी की वजह बनी हैं। कंगारुओं की तरफ़ से उस्मान ख़्वाजा ने एक अच्छी पारी खेली है। इसके अलावा युवा खिलाड़ी हैरिस कुछ बेहतरीन शॉट लगाए थे। लेकिन कोई भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ कोहली की मेहनत का मुक़ाबला नहीं कर पाया है। कोहली अपनी यही ताक़त अगले मैच में भी दिखा सकते हैं।
लेखक- आकर्षक (ईशू) रॉय
अनुवादक- शारिक़ुल होदा