एडिलेड टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया (Australia) के ऊपर पहली पारी में बढ़त के बाद भारतीय टीम (Indian Team) की शर्मनाक हार के बारे में किसी ने नहीं सोचा होगा। भारतीय टीम को पहली पारी में बढ़त मिली जिसका फायदा उठाने में टीम पूरी तरह से नाकाम रही। दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद एक रात में मामला बदल गया और जीत की उम्मीद लगाए फैन्स की टीम को ऐसी हार मिली कि उसे इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। भारतीय फैन्स और चाहने वालों का दिन भी टूटा है। किसी को समझ नहीं आ रहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि तीसरे दिन डेढ़ सेशन में भारतीय टीम बढ़त होने के बाद भी मैच में हार गई।
निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों का काम बेहतरीन रहा लेकिन पिच वही थी और गेंदबाज भी कोई नए नहीं थे। हां गेंद नई जरुर थी लेकिन भारतीय बल्लेबाज इसे खेलने में पूरी तरह से सक्षम हैं। पिछले कई सालों में भारतीय टीम को इस तरह पराजय का सामना नहीं करना पड़ा। दूसरी पारी में 36 रन पर आउट होकर भारतीय टीम ने आलोचकों को मौका देने के अलावा फैन्स को निराश किया है। ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट से जीत हासिल करते हुए सीरीज में बढ़त प्राप्त की है। भारतीय टीम की हार के तीन मुख्य कारणों के बारे में यहाँ बताया गया है।
भारतीय टीम की हार के कारण
ऑस्ट्रेलिया के अंतिम तीन विकेटों को ढीला छोड़ना
ऑस्ट्रेलिया की टीम जब पहली पारी में बल्लेबाजी कर रही थी तब भारतीय टीम ने उनके 7 विकेट 111 रन पर आउट कर दिए थे। अंतिम तीन विकेटों को टीम इंडिया ने हल्के में लिया। उन तीनों खिलाड़ियों ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया के लिए 80 रन जोड़े और भारत की बढ़त को काफी कम कर दिया। इन विकेटों को जल्दी आउट करते तो शायद भारत को 100 रन की बढत मिलती।
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने की नई गेंद से शानदार गेंदबाजी
भारतीय पारी के दौरान दूसरी पारी में नई गेंद से ऑस्ट्रेलिया ने पहले पृथ्वी शॉ को दूसरे दिन चलता किया। इसके बाद अगले दिन सुबह ही पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ घातक गेंदबाजी की और उन्हें टिकने ही नहीं दिया। दोनों ने मिलकर भारतीय पारी के 9 विकेट आउट करते हुए उन्हें मैच में पूरी तरह से हार की तरफ धकेल दिया।
भारतीय बल्लेबाजों का शर्मनाक खेल
दूसरी भारतीय बल्लेबाज ज्यादा डिफेन्स के लिए गए और आउट होकर पवेलियन जाते रहे। किसी ने भी आक्रमण करते हुए ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को दबाव में लाने का प्रयास ही नहीं किया। इससे भारतीय टीम के ऊपर दबाव बना और बल्लेबाज एक के के बाद एक आउट होते रहे। यह सिलसिला थमा नहीं और अंत में भारत की टीम 36 रन पर सिमट गई और वहीँ ऑस्ट्रेलिया की जीत पक्की हो गई।