AUS v IND, तीसरा टेस्ट: 3 कारण क्यों ऑस्ट्रेलिया से फॉलोऑन नहीं खिलाने का फैसला सही है

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मेलबर्न टेस्ट के तीसरे दिन भारत के 443 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी सिर्फ 151 रनों पर ढेर हो गई और भारतीय टीम को 292 रनों की विशाल बढ़त मिली। हालाँकि भारत ने ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन के लिए नहीं बोला, लेकिन दूसरी पारी में उनकी शुरुआत बेहद खराब रही। तीसरे दिन स्टंप्स के समय भारत ने महज 54 रन पर अपने 5 विकेट गंवा दिए। हालांकि टीम की कुल बढ़त 345 रनों की हो गई है। इसके बाद सबके मन में यही सवाल उठ रहा है कि क्या कप्तान विराट कोहली ऑस्ट्रेलियाई टीम को फॉलोऑन खेलने के लिए आमंत्रित कर सकते थे।

लेकिन हम आपको यहां बताते हैं कि क्यों विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन नहीं खिलाकर सही फैसला लिया।

भारतीय गेंदबाजों को आराम

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भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 66.5 ओवरों में ऑल आउट किया। उस समय तक जसप्रीत बुमराह 15.5 ओवर, ईशांत शर्मा 13 ओवर, मोहम्मद शमी 10 ओवर और रविंद्र जडेजा 25 ओवर गेंदबाजी कर चुके थे। शायद भारतीय कप्तान विराट कोहली को लगा होगा कि खुद बल्लेबाजी करने से गेंदबाजों को थोड़ा आराम मिलेगा। इसके बाद खेल के चौथे और पांचवे दिन वो तरोताजा होकर नई ऊर्जा के साथ गेंदबाजी कर सकते हैं।

अगर फॉलोऑन खेलने के बाद दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज टिक जाते तो थके हुए भारतीय गेंदबाज उतना जोर नहीं लगा पाते और इस वजह से विकेट मिलने में भी देरी हो सकती थी।

इतिहास की याद:

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2001 के उस मशहूर कोलकाता टेस्ट को भला कौन भूल सकता है। जब वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने ऐतिहासिक पारियां खेल भारतीय टीम को एक बेहतरीन जीत दिलाई थी। 11 मार्च से 15 मार्च के बीच खेले गए उस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 445 रनों का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में सिर्फ 171 रन पर सिमट गई थी।

इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने भारत को फॉलोऑन खेलने के लिए कहा। दूसरी पारी में भी भारतीय टीम ने 232 रन तक 4 विकेट गंवा दिए थे लेकिन यहां से राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने 576 रनों की मैराथन साझेदारी कर मैच का रूख ही पलट दिया था। लक्ष्मण ने 281 और द्रविड़ ने 180 रनों की पारी खेली थी। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई दूसरी पारी में 212 रनों पर सिमट गई थी और मैच हार गई थी।

मेलबर्न टेस्ट में भी स्थिति कमोबेश कुछ इसी तरह की थी। भारतीय टीम का पहली पारी का स्कोर 443/7 था और ऑस्ट्रेलिया 151 रन ही बना पाई थी। शायद कुछ इस तरह की अनहोनी को टालने के लिए कप्तान कोहली ने फॉलोऑन ना दिया हो। हालांकि इस वक्त जिस तरह की ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी है और मेलबर्न का विकेट है, ऐसा होना काफी मुश्किल था लेकिन क्रिकेट में कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन ना देने का फैसला सही लगता है।

चौथी पारी में बल्लेबाजी से बचना

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अगर ऑस्ट्रेलियाई टीम फॉलोऑन खेलते हुए लगातार दूसरी बार बल्लेबाजी करती और इस दौरान कोई लक्ष्य भारतीय टीम के सामने रख देती तो भारत को चौथी पारी में बल्लेबाजी करनी पड़ती। सबको पता है कि टेस्ट मैच में चौथी पारी में और खासकर पांचवे दिन बल्लेबाजी करना कतई आसान काम नहीं होता है।

चौथी पारी में अगर किसी छोटे भी लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं तो वो पहाड़ सा दिखने लगता है, क्योंकि परिस्थितियां गेंदबाजों के अनुकूल हो जाती हैं। ऐसे में कप्तान विराट कोहली कोई रिस्क नहीं लेना चाह रहे होंगे। खुद तीसरी पारी में बैटिंग करके ऑस्ट्रेलिया के सामने एक बड़ा लक्ष्य रखकर उनको चौथी पारी में बल्लेबाजी कराना सही रणनीति कही जा सकती है। इससे विकेट मिलने के अवसर ज्यादा रहेंगे।

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