AUS v IND, तीसरा टेस्ट: 3 कारण क्यों ऑस्ट्रेलिया से फॉलोऑन नहीं खिलाने का फैसला सही है

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इतिहास की याद:

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2001 के उस मशहूर कोलकाता टेस्ट को भला कौन भूल सकता है। जब वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने ऐतिहासिक पारियां खेल भारतीय टीम को एक बेहतरीन जीत दिलाई थी। 11 मार्च से 15 मार्च के बीच खेले गए उस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 445 रनों का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में सिर्फ 171 रन पर सिमट गई थी।

इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने भारत को फॉलोऑन खेलने के लिए कहा। दूसरी पारी में भी भारतीय टीम ने 232 रन तक 4 विकेट गंवा दिए थे लेकिन यहां से राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने 576 रनों की मैराथन साझेदारी कर मैच का रूख ही पलट दिया था। लक्ष्मण ने 281 और द्रविड़ ने 180 रनों की पारी खेली थी। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई दूसरी पारी में 212 रनों पर सिमट गई थी और मैच हार गई थी।

मेलबर्न टेस्ट में भी स्थिति कमोबेश कुछ इसी तरह की थी। भारतीय टीम का पहली पारी का स्कोर 443/7 था और ऑस्ट्रेलिया 151 रन ही बना पाई थी। शायद कुछ इस तरह की अनहोनी को टालने के लिए कप्तान कोहली ने फॉलोऑन ना दिया हो। हालांकि इस वक्त जिस तरह की ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी है और मेलबर्न का विकेट है, ऐसा होना काफी मुश्किल था लेकिन क्रिकेट में कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसी स्थिति में ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन ना देने का फैसला सही लगता है।

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