मेलबर्न टेस्ट के तीसरे दिन भारत के 443 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी सिर्फ 151 रनों पर ढेर हो गई और भारतीय टीम को 292 रनों की विशाल बढ़त मिली। हालाँकि भारत ने ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन के लिए नहीं बोला, लेकिन दूसरी पारी में उनकी शुरुआत बेहद खराब रही। तीसरे दिन स्टंप्स के समय भारत ने महज 54 रन पर अपने 5 विकेट गंवा दिए। हालांकि टीम की कुल बढ़त 345 रनों की हो गई है। लेकिन सबके मन में यही सवाल उठ रहा है कि क्या कप्तान विराट कोहली ऑस्ट्रेलियाई टीम को फॉलोऑन खेलने के लिए आमंत्रित कर सकते थे।
आइए आपको बताते हैं किन 5 कारणों से ऑस्ट्रेलियाई टीम को फॉलोऑन खिलाना चाहिए था।
5. भारतीय टीम के पास इतिहास बनाने का मौका
ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में पिछले 30 साल से किसी भी टीम ने फॉलोऑन नहीं दिया है। आखिरी बार 1988 में सिडनी टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया से फॉलोऑन खेलने को कहा था। उसके बाद सिर्फ भारतीय टीम को ही फॉलोऑन देने के दो बार (सिडनी 2004, मेलबर्न 2018) मौके मिले, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। अगर भारतीय टीम इस मैच में कंगारू टीम को फॉलोऑन खेलने के लिए कहती तो 1988 के बाद ये पहली बार होता जब ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में ही फॉलोऑन खेलने पर मजबूर होना पड़ता। इससे भारतीय टीम को एक मनोवैज्ञानिक जीत भी मिलती।
4. मेलबर्न में चौथे और पांचवें दिन बारिश की संभावना:
वैसे तो मेलबर्न टेस्ट में अभी दो दिन का पूरा समय बचा हुआ है और भारतीय टीम मैच में काफी आगे है। लेकिन एक बात जो टीम के लिए चिंता का विषय हो सकती है वो ये है कि मेलबर्न में चौथे और पांचवें दिन बारिश की संभावना जताई जा रही है। खासकर खेल के आखिरी दिन बारिश होने की संभावना काफी ज्यादा है।
अभी भारतीय टीम बल्लेबाजी कर रही है और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजी के लिए आना है। अगर चौथे और पांचवे दिन बारिश हो गई और खेल में खलल पड़ा तो कंगारू टीम को मैच में वापसी का मौका मिल जाएगा। समय बर्बाद होने की स्थिति में उनके पास मैच को ड्रॉ कराने का मौका रहेगा। अगर ये मैच ड्रॉ होता है तो भारतीय टीम के लिहाज से काफी बड़ा झटका होगा। क्योंकि इस समय टीम ऑस्ट्रेलिया से काफी आगे है और जीत लगभग तय मानी जा रही है। अगर मैच ड्रॉ हुआ तो भारत के लिए किसी हार से कम नहीं होगा।
3. ऑस्ट्रेलिया की कमजोर बल्लेबाजी का फायदा उठाना:
ऑस्ट्रेलिया टीम ने भले ही दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम को शिकस्त दी हो और सीरीज 1-1 की बराबरी पर हो लेकिन सच ये भी है कि इस ऑस्ट्रेलियाई टीम की बल्लेबाजी उतनी गहरी नहीं है, जितनी किसी जमाने में हुआ करती थी। स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के ऊपर बैन लगने के बाद कंगारू टीम की बल्लेबाजी काफी कमजोर हो गई।
हालांकि टीम में शॉन मार्श, उस्मान ख्वाजा और आरोन फिंच जैसे दिग्गज खिलाड़ी हैं लेकिन इस सीरीज में इन सभी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। ऑस्ट्रेलियाई टीम की बल्लेबाजी का आप इस बात से भी अंदाजा लगा सकते हैं कि इस सीरीज में अब तक उनका कोई भी बल्लेबाज शतक नहीं लगा पाया है। जबकि भारतीय टीम की तरफ से तीनों मैचों में शतक लगे हैं।
अगर कंगारू टीम को फॉलोऑन खेलने के लिए आमंत्रित किया जाता तो उनकी बल्लेबाजी में इतनी गहराई नहीं है कि वो भारतीय टीम के 292 रनों की बढ़त को खत्म करते और उसके बाद 200 या उससे ज्यादा रन बनाकर कोई चुनौतीपूर्ण लक्ष्य सामने रखते। संभव है कि कंगारू टीम इतनी बड़ी बढ़त को ही ना खत्म कर पाती और उसे पारी की हार का सामना करना पड़ता। इतनी बड़ी हार से उनके आत्मविश्वास पर काफी असर पड़ता और भारतीय टीम को सिडनी टेस्ट के लिए मनोवैज्ञानिक लाभ मिलती।
2. 54 रन पर 5 विकेट गंवाने का भारतीय बल्लेबाजों पर असर
बड़ी बढ़त लेने के बाद दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरी भारतीय टीम शुरूआत से ही दबाव में आ गई। मेलबर्न की इस पिच पर दूसरी पारी में बैटिंग करना कतई आसान नहीं था और महज 54 रन तक टीम ने अपने 5 विकेट गंवा दिए। कप्तान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसे खिलाड़ी अपना खाता भी नहीं खोल पाए जोकि इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में टॉप पर हैं।
इसके अलावा रोहित शर्मा 5, अंजिक्य रहाणे 1 और हनुमा विहारी 13 रन बनाकर आउट हुए। हालांकि टीम के पास बढ़त काफी विशाल है और उसे ज्यादा चिंतित होने की जरुरत नहीं लेकिन इस तरह से आउट होने से बल्लेबाजों पर एक मनोवैज्ञानिक असर जरुर पड़ा होगा। वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई टीम को सेलिब्रेशन का एक मौका मिल गया। अभी तक इस टेस्ट मैच में एक भी चीज उनके पक्ष में नहीं गई थी लेकिन इस तरह विकेटों के पतन से उनका आत्मविश्वास लौटा होगा।
इसका असर सिडनी में होने वाले चौथे टेस्ट मैच में दिख सकता है। कंगारू टीम खुश होगी कि उन्हें इस मैच से कुछ तो हासिल हुआ। वो अगले मैच में इसी रणनीति को अपनाने की कोशिश करेंगे और दूसरी तरफ इस पारी का असर भारतीय बल्लेबाजों पर अगले मैच में भी पड़ सकता है।
1.जल्दी खत्म हो सकता था मैच
अगर कप्तान विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन खेलने के लिए कहते तो शायद जिस स्थिति में इस वक्त भारतीय टीम है, उस स्थिति में ऑस्ट्रेलियाई टीम हो सकती थी। इस तरह की परिस्थिति में चौथे दिन पहले या दूसरे सत्र तक मैच का नतीजा भी निकल सकता था। महज 4 दिन के अंदर मैच हारने से कंगारू टीम के आत्मविश्वास पर काफी असर पड़ता।
वहीं दूसरी तरफ भारतीय टीम ने महज 67 ओवर में ऑस्ट्रेलियाई पारी को समेट दिया था और उसके बाद तीसरे दिन के खेल में ज्यादा ओवर नहीं बचे थे। जिस तरह की लय में जसप्रीत बुमराह और अन्य भारतीय तेज गेंदबाज थे, उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम को लगातार दूसरी बार बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता।