ऑस्ट्रेलिया की टीम (Australia Team) को भारतीय टीम (Indian Team) ने बेहतरीन तरीके से पटखनी देते हुए चौंकाने वाला काम किया है। जिस ब्रिस्बेन के गाबा में 33 सालों से किसी टीम को जीत नहीं मिली, वहां भारत ने जीत हासिल करते हुए टेस्ट सीरीज पर ही कब्जा जमा लिया। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने पूरा प्रयास किया लेकिन भारतीय बल्लेबाज मैदान पर डटकर खड़े हो गए।
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों ने पूरे दमखम के साथ गेंदबाजी करते हुए भारतीय टीम पर पूरी सीरीज इ दौरान दबाव बनाने का प्रयास किया लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने अच्छा खेल दिखाया और धाकड़ बल्लेबाजी की। सीरीज हारने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस को मैन ऑफ़ द सीरीज चुना गया।
मैन ऑफ़ द सीरीज
पैट कमिंस ने दोनों देशों के सभी गेंदबाजों में सबसे ज्यादा विकेट हासिल किये। कमिंस ने चार मैचों की आठ पारियों में 21 विकेट चटकाए। इस दौरान कमिंस ने तीन बार 4 विकेट चटकाए। इस धाकड़ प्रदर्शन के कारण उन्हें सीरीज का श्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया।
जोश हेजलवुड का नाम दूसरे स्थान पर रहा जिन्होंने 4 मैचों में 17 विकेट चटकाए। तीसरे नम्बर पर भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का नाम आता है जिनके नाम 3 टेस्ट मैचों में 13 विकेट दर्ज है। आर अश्विन ने 3 मुकाबलों में 13 विकेट झटके और वह टॉप पांच गेंदबाजों में एकमात्र स्पिनर हैं। पांचवें स्थान पर जसप्रीत बुमराह का नाम शामिल है जिन्होंने कुल 11 विकेट 3 मैचों में चटकाए हैं। टॉप दस गेंदबाजों में से छह भारतीय टीम से हैं और चार ऑस्ट्रेलिया से हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि टीम इंडिया का खेल कैसा रहा।
पहला टेस्ट मैच हारने के बाद जिस तरह से भारतीय टीम ने धाकड़ वापसी की है, उसकी तारीफ़ कर कोई कर रहा है। ऐसे खेल की उम्मीद शायद किसी ने नहीं की होगी।