भारत (India) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) की महिला टीमों के बीच हुए दूसरे मैच के बाद अंतिम गेंद पर अम्पायर का निर्णय विवादों में घिर गया है। अंतिम गेंद पर ऑस्ट्रेलिया को तीन रन जीतने के लिए चाहिए थे और निकोला क्रीज पर थीं। इधर झूलन गोस्वामी भारत के लिए गेंदबाजी कर रही थीं। गोस्वामी की फुल टॉस गेंद पर निकोला का कैच शॉर्ट स्क्वेयर लेग पर पकड़ लिया गया और भारतीय टीम 2 रन से जीत का जश्न मनाने लगी। इस बीच अम्पायर ने इसे नो बॉल के लिए चेक किया।
यहाँ से मैच का पासा पलट गया। अम्पायर ने काफी समय लिया और बाद में गेंद को कमर की उंचाई से ज्यादा ऊपर मानते हुए नो बॉल दे दी। इसके बाद अगली गेंद फिर से डालनी पड़ी और इस गेंद पर ऑस्ट्रेलिया ने दो रन लेकर मैच अपने नाम कर लिया। इस नो बॉल के निर्णय को लेकर ट्विटर पर भारतीय फैन्स का गुस्सा फूट गया है। लोगों के अनुसार बल्लेबाज झुकी हुई थीं, ऐसे में कोई भी गेंद आएगी, तो कोई भी बॉल नो बॉल ही लगेगी। सही तरह बल्लेबाज की लम्बाई के अनुसार देखा जाए तो गेंद सही थी और कमर की उंचाई तक थी। ट्विटर पर इस निर्णय को लेकर काफी विवाद हुआ है।
(क्या यह नो बॉल याद है? मुझे लगता है कि आज की नो बॉल अम्पायर्स कॉल थी)
(नो बॉल ने ऑस्ट्रेलिया को बचा लिया, यह सही गेंद थी)
(यह नो बॉल नहीं थी)
(वह झुकी हुई हैं, यह नो बॉल नहीं है)
(क्या हो रहा है, यह नो बॉल नहीं थी)
(कहते हुए माफ़ी चाहता हूँ, जज करने के लिए लीजेंड हैं लेकिन यह नो बॉल नहीं थी, तीसरे अम्पायर ने निर्णय देने के लिए काफी लम्बा समय लिया)
(यह नो बॉल नहीं थी, भारतीय टीम ने अच्छा खेला)
(भारत और ऑस्ट्रेलिया की महिला टीमों के रिजल्ट से दिल टूट गया है, यह नो बॉल नहीं थी, तीसरे अम्पायर ने चीटिंग की है, क्या मैच हुआ था, सब पर गर्व है)