"कुलदीप यादव को 5 विकेट हॉल लेना बंद कर देना चाहिए" - हरभजन सिंह की चौंकाने वाली प्रतिक्रिया 

कुलदीप यादव और हरभजन सिंह - भारतीय क्रिकेट टीम
कुलदीप यादव और हरभजन सिंह - भारतीय क्रिकेट टीम

भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने भारतीय टीम मैनेजमेंट की जमकर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को 5 विकेट हॉल लेना बंद कर देना चाहिए। दरअसल, कुलदीप यादव ने बांग्लादेश (Bangladesh) के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज के पहले मैच में 5 विकेट हॉल समेत कुल 8 विकेट लिए थे और पहली पारी में 40 रनों की महत्वपूर्ण पारी भी खेली थी।

इसी वजह से उन्हें चटगांव में मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड भी मिला था, लेकिन फिर भी कुलदीप यादव को दूसरे टेस्ट में खेलने के लिए जगह नहीं मिली। यही वजह है कि हरभजन सिंह काफी गुस्से में नजर आये और उन्होंने टीम मैनेजमेंट की जमकर आलोचना की है। हरभजन ने पीटीआई से बात करते हुए व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा कि,

मुझे लगता है कि कुलदीप को अब पांच-विकेट हॉल लेना बंद कर देना चाहिए। किसे पता कि उन्हें सिर्फ लगातार 2 मैच ही खेलना का मौका मिले।

उन्होंने आगे कहा,

चटगांव टेस्ट से पहले कुलदीप ने लास्ट टाइम पांच विकेट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में लिए थे। उन्हें विदेशी परिस्थितियों में भारत का नंबर 1 स्पिनर होना चाहिए था, लेकिन उन्हें दूसरे टेस्ट मैच खेलने के लिए दो साल का इंतजार करना पड़ा। अब वो करीब दो साल के बाद एक टेस्ट मैच खेलें हैं और उन्हें फिर से ड्रॉप कर दिया गया। मुझे इसके पीछे की मंशा जानने की इच्छा है।

कुलदीप यादव को सिक्योरिटी नहीं मिली है - हरभजन सिंह

हरभजन ने बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोगों को कई सालों तक लगातार मौके मिले लेकिन कुलदीप को महज पांच दिन में ही ड्रॉप कर दिया गया। उन्होंने सिक्योरिटी पर सवाल उठाते हुए कहा,

भारतीय क्रिकेट में सिक्योरिटी सिर्फ एक शब्द रह गया है और कोई इसके बारे में बात तक नहीं करता। मैं किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन भारतीय टेस्ट क्रिकेट में कई ऐसे प्लेयर हैं, जिन्हें पांच साल तक की सिक्योरिटी मिली है, लेकिन कुलदीप के लिए वो सिक्योरिटी सिर्फ 5 दिन की है। अगर कोई 8 विकेट लेने के बाद भी ड्रॉप हो सकता है तो कोई कैसे टीम में खुद को सेफ फील करेगा। अगर टीम मैनेजमेंट किसी प्लेयर को ऐसे डराएंगे तो कोई कैसे निडर होकर क्रिकेट खेल सकता है?

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Edited by Prashant Kumar
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