अंडरडॉग से लेकर विश्व-विजेता तक, बांग्लादेश की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की कहानी कई मायनों में शानदार कहानी है। यह एक कहानी है जो बड़ी स्क्रीन पर बताई जा सकती है और वह जो दृढ़ संकल्प और समर्पण की विजय को उजागर कर सकती है। लेकिन बांग्लादेश क्रिकेट की कहानी इतनी सरल नहीं है।
बांग्लादेश क्रिकेट टीम की कहानी एक कोई परी की कहानी नहीं है जिसमें अंत बस वही होता है जिसकी सभी को उम्मीद होती है। इस टीम ने इतिहास में बहुत संघर्ष किए हैं। क्योंकि वास्तविकता, परियों की कहानियों के ठीक विपरीत है। हालांकि यह सच है कि बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट क्षेत्र में अपने एकीकरण के बाद से एक लंबा सफर तय किया है, यह एक ऐसी यात्रा रही है जो बहुत सारे संघर्षों, बाधाओं और निशान से भरी हुई है, जो शायद कभी भी दूर नहीं हो सकती।
आखिरकार, हाल में चाहे कितनी भी सफलताएँ क्यों न हों लेकिन इस तथ्य को नहीं मिटा सकते कि बांग्लादेश क्रिकेट टीम के नाम टेस्ट और वनडे में लगातार सबसे ज्यादा हार का रिकॉर्ड दर्ज है। जबकि बांग्लादेश की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम उस समय से अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबा सफर तय कर चुकी है, फिर भी वह उनके इतिहास का एक हिस्सा हैं, जिसे वे कभी याद नहीं रखना चाहेंगे।
बांग्लादेश क्रिकेट टीम की कहानी 1979 में इंग्लैंड में आईसीसी ट्रॉफी से शुरू हुई और सात साल बाद उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय मैच खेला। उस समय क्रिकेट उस देश में प्रारंभिक अवस्था में था जिसमें फुटबॉल सबसे लोकप्रिय खेल था। लेकिन बांग्लादेश क्रिकेट टीम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ अच्छा कर भी नहीं पाई थी।
बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने अपना पहला वनडे पाकिस्तान के खिलाफ 31 मार्च 1986 को टाइरॉन फर्नांडो स्टेडियम, मोरतुवा में खेला था। 1997 में आईसीसी ट्रॉफी जीतकर, वे दो साल बाद इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहे। आखिरकार अब इस जगह से कहानी ने आकार लेना शुरू कर दिया। उन्होंने 1999 वर्ल्ड कप में दुनिया को चौंका दिया जब उन्होंने पाकिस्तान को पराजित किया और जिससे बाद पूरा क्रिकेट सोच में पड़ गया और उन्हें गंभीरता से लेना शुरू किया।स्कॉटलैंड को हराने के बाद उन्होंने साबित कर दिया कि वे कोई पंचिंग बैग नहीं हैं। बांग्लादेश को सन 2000 में आईसीसी द्वारा टेस्ट क्रिकेट खेलने वाला 10वां पूर्ण सदस्य देश का दर्जा मिला। इस टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच 10-13 नवम्बर सन 2000 को भारत के खिलाफ ढाका में खेला था। इस मैच में बांग्लादेश को हार मिली थी। इस मैच में अमिनुल इस्लाम ने शतक लगाया था। वे बांग्लादेश की ओर से टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक वाले बल्लेबाज बने थे।
1999 में दुनिया को चौंकाने के बाद उन्हें 5 साल इंतजार करना पड़ा। उन्हें 2001 से 2004 के बीच 23 लगातार वनडे मैचों में हार मिली थी। उन्होंने इस मामले में अपना खुद का ही रिकॉर्ड तोड़ा। उन्हें 1986 से 1998 तक लगातार 22 मैचों में हार मिली थी। बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे को वनडे क्रिकेट में हराकर जीत का मुंह देखा साथ ही टेस्ट क्रिकेट में भी उन्होंने जिम्बाब्वे को हराकर टेस्ट क्रिकेट में पहली जीत हासिल किया।
बांग्लादेश की अंडर 19 टीम ने 2020 में भारत को फाइनल में हराकर पहली बार अंडर 19 वर्ल्ड कप का खिताब भी जीता था।