बांग्लादेश (Bangladesh Cricket team) के ऑलराउंडर मेहदी हसन मिराज (Mehidy Hasan Miraz) ने बुधवार को भारत (India Cricket team) के खिलाफ दूसरे वनडे में अपने वनडे करियर का पहला शतक जमाया। हसन ने 83 गेंदों में 8 चौके और 4 छक्के की मदद से नाबाद 100 रन बनाए।
मेहदी हसन ने अनुभवी महमूदुल्लाह (77) के साथ सातवें विकेट के लिए 148 रन की साझेदारी की, जिसने बांग्लादेश की पारी का नक्शा बदल दिया था। मेहदी हसन ने बताया, 'हमारे दिमाग में लक्ष्य तय नहीं था। हमने 6 विकेट गंवा दिए थे तो सोच यही थी कितना स्कोर बना पाएंगे? हम एक समय पर एक गेंद को खेल रहे थे। हमने छोटी-छोटी साझेदारी करने की ठानी और लक्ष्य स्थापित करने का नहीं सोचा। हमने स्थिति के मुताबिक खेला और एक-दूसरे से लगातार बात कर रहे थे।'
हसन ने बताया कि महमूदुल्लाह सीनियर होने के बावजूद उनकी बातें सुन रहे थे। मेहदी हसन ने कहा, 'मुझे अच्छा लगा कि सीनियर होने के बावजूद उन्होंने मेरी इज्जत की। वो मुझे सुन रहे थे जब मैंने ध्यान दिलाया कि वो हड़बड़ा रहे हैं। मैंने उन्हें कई बार कहा कि आक्रमण नहीं करना और मैच को गहराई तक लेकर जाना है। छोटी बातों से हमारी साझेदारी में काफी मदद मिली।'
अपने शतक के बारे में बात करते हुए मेहदी हसन ने कहा, 'यह मेरे लिए शानदार पल है कि अपना पहला वनडे शतक जमाया। मैं इस पल को कभी नहीं भूलुंगा। हम मुश्किल में थे। महमूदुल्लाह भाई के साथ मेरी साझेदारी महत्वपूर्ण थी। यह मेरे लिए बड़ी बात है क्योंकि भारत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है। बड़ी टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना हमेशा शानदार होता है। हमने भारत के खिलाफ दूसरी वनडे सीरीज जीती। मैंने अच्छा प्रदर्शन करने की कोई योजना नहीं बनाई थी। भाग्य का मुझे सहारा मिला।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने कभी विश्वास नहीं किया था शतक जमा पाऊंगा। मैं टीम के लिए खेल रहा था और लय में था। मैं पूरे 50 ओवर तक खेलना चाहता था और उम्मीद थी कि 240-250 का स्कोर बनाएं, जिसका पीछा करने में भारत को मुश्किल हो।'