लंच से पहले मस्जिद पहुंच गए होते तो वो आदमी हम लोगों में से किसी को जिंदा न छोड़ता: मोमिनुल हक

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न्यूजीलैंड में क्राइस्टचर्च की दो मस्जिद में हुए ताबड़तोड़ हमले के बाद बांग्लादेश की क्रिकेट टीम सकते में है। इस हमले में बांग्लादेश की टीम भी बाल-बाल बची है। टीम के खिलाड़ी ने बताया है कि इस घटना से हम बेहद डरे हुए हैं और रो रहे थे। मालूम हो कि क्रास्टचर्च में पहला हमला अल नूर मस्जिद और दूसरा हमला उपनगरीय इलाके लिनवुड में हुआ था। अल नूर मस्जिद में गोलाबारी शुरू होने के बाद बांग्लादेश क्रिकेट टीम जुमे की नमाज के लिए वहां पहुंची थी लेकिन एक महिला के सचेत करने के बाद टीम के खिलाड़ी बच निकले।

बांग्लादेशी खिलाड़ी मोमिनुल हक ने बताया कि रियाल भाई ने पूछा था कि क्या हम नमाज से पहले लंच करेंगे या वहां से वापस आकर। उस वक्त हमने तय किया था कि जुमे की नमाज के बाद अभ्यास सत्र है इसलिए मस्जिद से वापस आने के बाद ही लंच किया जाएगा। हालांकि, हमारी योजना आखिरी वक्त पर बदल गई। हम लंच करने के बाद मस्जिद पहुंचे और शायद इसी वजह से हम बच पाए। हम उस वक्त बहुत ज्यादा डरे हुए थे। उस मंजर को बताने में भी मेरी रूह कांप रही है। उस घटना को देखने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए।

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हम केवल उस महिला की वजह से जिंदा हैं, जिसने कार का शीशा नीचेकर हमें चेताया था कि आगे गोलियां चल रही हैं। पहले हमें लगा कि वो महिला बीमार है। हमें अंदाजा भी नहीं था कि न्यूजीलैंड में ऐसा हो सकता है। उस महिला ने खिड़की से बताया कि उसकी कार पर गोली लगी है, तब समझ में आया कि हम मुसीबत में हैं। अगर हम मस्जिद के अंदर पहुंच गए होते और जाकर पीछे वाली लाइन में बैठ जाते तो वो आदमी हम में से किसी को भी जिंदा नहीं छोड़ता। उसने बस आते ही गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं। हमने जब उस भयावह मंजर का विडियो देखा तो सब बस के अंदर रोने लगे। हमने ड्राइवर को पीछे जाने के लिए कहा लेकिन उसने निर्देश न मिलने की वजह से पीछे जाने से इनकार कर दिया। हम सब बस में लेट गए थे। जब हमने बस से मस्जिद को देखा तो लोग वहां लेटे हुए थे और खून से पूरी तरह लथपथ थे।

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Edited by निशांत द्रविड़