अंडर 19 विश्वकप में डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर तीन विकेट से भारत को हराकर ख़िताब जीतने वाली बांग्लादेशी टीम के खिलाड़ियों ने अनुचित हरकत की। मैच खत्म होते ही उनके खिलाड़ी मैदान पर पहुंचकर भारतीय खिलाड़ियों से धक्का-मुक्की और झगड़ा करने लगे। इसके बाद भारतीय कोच ने बीच में आकर मामला शांत कराया और अपने खिलाड़ियों को किनारे किया।
घटना के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें बांग्लादेश के खिलाड़ियों के करतूत दिखाई देती है। इसके बाद उनके कप्तान अकबर अली ने माफी माँगी और कहा कि हमारे कुछ खिलाड़ी और गेंदबाज भावुक हो गए थे। ऐसा नहीं होना चाहिए था। भारतीय कप्तान प्रियम गर्ग ने कहा कि उन्होंने गंदे इशारे किये थे और धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जो नहीं होना चाहिए था।
इस तरह जीत का जश्न मनाते हुए आपने भी शायद ही किसी को देखा होगा जिसमें हारने वाली टीम से झगड़ा शुरू कर दिया गया हो। यह बांग्लादेश के खिलाड़ी ही कर सकते हैं। उन्हें खेल भावना से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं होता। सीनियर टीम के खिलाड़ी भी कई बार मैदान पर हंगामा और शोरगुल करते हुए देखे गए हैं, इनमें मुशफिकुर रहीम सबसे आगे होते हैं। शायद यही वजह है कि अंडर 19 के खिलाड़ी भी उनके नक्शे कदम पर चलते हुए झगड़ा करने पर उतर आए। यह तो उनकी जीत के बाद की घटना है और अगर यहाँ भारत की जीत होती तो शायद उनकी प्रतिक्रिया इससे भी भयानक हो सकती थी। आईसीसी को मामले में संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए, वरना ऐसी घटनाएँ आम हो जाएगी।
दक्षिण अफ्रीका के पोचेफ़्सट्रूम में हुए फाइनल में भारत ने पहले खेलते हुए 177 रन बनाए। इसके बाद बांग्लादेश ने सात विकेट पर 163 रन बनाए और बारिश शुरू हो गई। यहाँ मैच रुका तथा डकवर्थ लुईस नियम से 46 ओवर का लक्ष्य रखा और बांग्लादेश को तीन विकेट से विजेता घोषित किया गया।