भारतीय क्रिकेट टीम के कोच की तलाश तो ख़त्म हो गई, अनिल कुंबले के रूप में एक शानदार कोच भी टीम इंडिया को मिल गया है। लेकिन चर्चाओं का बाज़ार अब भी गर्म है, पहले रवि शास्त्री ने ये कहा कि मेरे इंटरव्यू के दौरान क्रिकेट सलाहाकार समिति के अहम सदस्य सौरव गांगुली नदारद थे। जिसके बाद दादा पर भी सवाल उठे और बीसीसीआई पर भी, लेकिन न तो बीसीसीआई की तरफ़ से कोई जवाब आया था और न ही गांगुली ने कुछ बोलना मुनासिब समझा था। लेकिन अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तरफ़ से इस बात का ख़ुलासा ज़रूर किया गया है कि आख़िर रवि शास्त्री को कोच की दौड़ से बाहर क्यों किया गया। पूर्व भारतीय हरफ़नमौला खिलाड़ी टीम इंडिया के निदेशक भी रह चुके हैं, और हेड कोच के लिए भी उन्होंने आवेदन दिया था जिसके बाद उनका इंटरव्यू 21 जून को हुआ था। लेकिन अब जो ख़बरें आ रही हैं उसके मुताबिक़ अनिल कुंबले और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज टॉम मूडी के आवेदन के बाद उनकी दावेदारी कमज़ोर पड़ गई। हालांकि इस बात पर बीसीसीआई ने खुल कर तो नहीं कहा लेकिन एक अंग्रेज़ी अख़बार से बातचीत के दौरान बीसीसीआई सचिन अजय शिर्के ने कहा, "शास्त्री को लेकर हमने एक लंबी बैठक की, जो क़रीब 7-8 घंटे चली, लेकिन फिर बात नहीं बनी। हां पैनल ने शास्त्री के बल्लेबाज़ी कोच पर भी सहमति जताई, लेकिन टीम इंडिया के लिए ज़रूरी हेड कोच की तलाश थी।" अजय शिर्के ने शास्त्री की उस बात का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने दादा पर सवाल उठाए थे, शिर्के ने कहा, "सौरव गांगुली शाम के 5 बजे से 6.30 बजे तक बंगाल क्रिकेट संघ की एक बैठक में व्यस्त थे जो पहले सी ही निर्धारित थी, और उस बैठक को ख़त्म करने के बाद जब गांगुली लौटे तो शास्त्री का इंयरव्यू ख़त्म हो चुका था।" अजय शिर्के ने शास्त्री के कोच न चुने पर भले ही इस तरह सफ़ाई दी हो, लेकिन बीसीसीआई के क़रीबी के अनुसार, "कुंबले के नाम पर पहले ही फ़ैसला लिया जा चुका था और इसके लिए विराट कोहली से भी बात की गई थी। कुंबले के साथ साथ टॉम मूडी से भी बीसीसीआई काफ़ी प्रभावित थी, लेकिन कोहली चाहते थे कि कुंबले के कोच बनने से भारतीय स्निपरों को विदेशी पिचों पर भी मदद मिल सकती है और यही वजह थी कि इस 45 वर्षीय दिग्गज स्पिनर ने बाज़ी मारी।"