बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मैच गुरुवार से भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच नागपुर के वीसीए स्टेडियम में शुरू हुआ। भारत की ओर से इस मुकाबले में दो खिलाड़ियों ने अपना टेस्ट डेब्यू किया जिसमें सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) और विकेटकीपर बल्लेबाज केएस भरत (KS Bharat) का नाम शामिल है। दोनों खिलाड़ियों को अपने परिवार वालों की मौजूदगी में टेस्ट कैप मिली।
सूर्या को भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कोच रवि शास्त्री के हाथों और भरत को अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने डेब्यू टेस्ट कैप दी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में डेब्यू करने के बाद, बीसीसीआई ने इन दोनों खिलाड़ियों के परिवार वालों का एक खास वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये शेयर किया है जो कि वायरल हो रहा है।
दाएं हाथ के बल्लेबाज सूर्या ने पिछले कुछ समय में टी20 फॉर्मेट में अपनी शानदार फॉर्म के दम पर कई कीर्तिमान हासिल किये। पूर्व कोच ने उन्हें कैप देते हुए भी कहा था कि अपनी इस फॉर्म को रेड बॉल क्रिकेट में भी जारी रखना।
वहीं, सूर्या के टेस्ट डेब्यू को लेकर उनके पिता ने कहा,
एक माता-पिता के रूप में, हमने बचपन से देखा है कि वह क्रिकेट के खेल के प्रति बहुत जुनूनी था। हालांकि, उसके पास बैडमिंटन और क्रिकेट के बीच किसी एक खेल को चुनने का विकल्प था और सूर्या ने क्रिकेट चुना और हमने इसका समर्थन किया। हमें बहुत गर्व महसूस होता है कि टी20 और वनडे के बाद उसे टेस्ट कैप मिली है। यह खेल का अंतिम प्रारूप है।
इसके साथ सूर्या की पत्नी देविशा ने भी उनके टेस्ट डेब्यू को लेकर खुशी जताई और शुरुआती संघर्ष के दिनों को याद किया। दाएं हाथ के बल्लेबाज की माँ ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
भले ही वह पहले भारत के लिए दो प्रारूपों में खेल चुके हैं, लेकिन यह और भी खास लगा। मैंने बचपन से ही उसे क्रिकेट खेलते और कड़ी मेहनत करते देखा है। आज सूर्या को यह टेस्ट कैप प्राप्त करते हुए देखने के बाद, मुझे उस पर और भी अधिक गर्व महसूस हो रहा है।
दूसरी तरफ केएस भरत के परिवार वाले भी उनके टेस्ट डेब्यू के बाद भावुक नजर आये। भरत के पिता ने बेटे की खास उपलब्धि को लेकर कहा,
उसे बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में खेलने का मौका मिल रहा है, यह हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ी बात है। शुरुआती दिनों से ही भरत की खेल के प्रति काफी रुचि थी। मैं विशेष रूप से बीसीसीआई को धन्यवाद देना चाहता हूं कि जब भरत को डेब्यू कैप मिली थी तब उन्होंने हमें वहां बुलाया था। भरत ने वाकई बहुत मेहनत की है। वह अपनी किट को खुद ही मैदान पर ले जाता था। अभ्यास के बाद वह अगले दिन स्कूल के लिए पढ़ता था और स्कूल से लौटने के बाद अपनी क्रिकेट किट तैयार करता था।