21वीं शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ भारतीय वनडे इलेवन 

भारतीय क्रिकेट टीम 
भारतीय क्रिकेट टीम 

# मध्यक्रम (4-5)

# राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ एक टेस्ट खिलाड़ी का शानदार उदाहरण हैं, जिन्होंने 50 ओवर के फॉर्मेट के अनुरूप अपने खेल को सफलतापूर्वक ढाला। द्रविड़ ने 1996 से 2011 तक अपने करियर के दौरान वनडे में कई बेहतरीन पारियां खेली। 21वीं शताब्दी के दौरान द्रविड़ ने 39.87 की औसत से 7298 रन बनाए जिसमें पांच शतक शामिल हैं। क्रीज पर लंबा समय बिताने की अपनी क्षमता के लिए मशहूर कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने वनडे और टेस्ट दोनों में 10000 से अधिक रन बनाए हैं ।

# युवराज सिंह

युवराज सिंह 
युवराज सिंह

युवराज सिंह भारत के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक हैं। युवराज ने भारत को 2011 विश्व जिताने में बल्ले और गेंद दोनों से ही कमाल का प्रदर्शन किया था। जब वह 2019 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायर हुए थे तो उन्होंने 304 मैचों में 36.50 की औसत से 8701 वनडे रन बनाए थे। युवी ने अपने करीब दो दशक लंबे करियर के दौरान 111 विकेट भी लिए ।

विकेटकीपर (6)

# महेंद्र सिंह धोनी - कप्तान

महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

धोनी ने 350 मैचों में 50.60 की औसत से 10 हजार से अधिक वनडे रन बनाए हैं। धोनी ने भारत के लिए काफी समय तक फिनिशर की भूमिका निभाते हुए कमाल का प्रदर्शन किया। कई बार उन्होंने आखिरी ओवर में 10 से ज्यादा रन बनाकर टीम को मैच जितवाया है। सफल रन-चेज में 102.71 की औसत से धोनी इस लिस्ट में नंबर 6 के लिए सही खिलाड़ी हैं। धोनी के नाम वनडे में बतौर विकेटकीपर 444 शिकार दर्ज हैं। वो वनडे में सौ से ज्यादा स्टंपिंग करने वाले इकलौते विकेटकीपर हैं। धोनी की कप्तानी में ही टीम ने विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी।

# ऑलराउंडर (7)

# इरफ़ान पठान

इरफ़ान पठान
इरफ़ान पठान

इस प्लेइंग इलेवन में हमने इरफ़ान पठान को नंबर 7 पर ऑलराउंडर के तौर पर शामिल किया है। पठान ने अपने वनडे करियर के 120 मैचों में 173 विकेट हासिल किये। पठान ने बतौर बल्लेबाज वनडे में 5 अर्धशतक सहित 1544 रन बनाये हैं। अपने करियर के दिनों में पठान की स्विंग गेंदबाजी ने दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान कर रखा था।

पठान ठीक-ठाक बल्लेबाजी भी कर सकते थे इसी को देखते हुए उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भी मौका दिया गया। चोट के चलते उनका करियर पटरी से उतर गया और आखिर के कुछ सालों में उन्हें ज्यादा मैचों में खेलने का मौका नहीं मिला था।

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Edited by सावन गुप्ता