क्रिकेट में 50 ओवरों के प्रारूप को पेश किए जाने के बाद से क्रिकेट की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। इसका असर टेस्ट क्रिकेट पर भी पड़ा है और अब इस प्रारूप में भी बल्लेबाज़ पहले के मुकाबला ज़्यादा तेज़ी से रन बनाना पसंद करते हैं।
सही मायनों में, एकदिवसीय मैचों में वास्तविक प्रगति 1990 के दशक के दौरान शुरू हुई जब कई महान क्रिकेटरों ने अपने करियर की शुरुआत की थी।
ऐसे में पिछले 25 सालों की सर्वश्रेष्ठ वनडे एकादश के बारे में जानना काफी दिलचस्प होगा। तो आइये एक नज़र डालते हैं इस वनडे प्लेइंग XI पर:
सलामी बल्लेबाज: सचिन तेंदुलकर और एडम गिलक्रिस्ट (विकेटकीपर)
सचिन तेंदुलकर निःसंदेह क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाज़ रहे हैं। उन्होंने लगभग दो दशकों तक भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की उम्मीदों का भार अपने कंधों पर ढोया है।
तेंदुलकर ने अपने वनडे करियर में सर्वाधिक 463 मैच खेले हैं और 44.83 की ज़बरदस्त औसत से 18426 रन बनाए हैं। अपने शानदार करियर में उन्होंने 49 शतक और 96 अर्धशतक लगाए हैं।
लेकिन 50 ओवर के इस प्रारूप में तेंदुलकर का प्रभाव इन आंकड़ों से कहीं ज़्यादा है। जिस तरह से उन्होंने अपने पूरे करियर में क्रिकेट मैदान पर विनम्रता और खेल भावना दिखाई है, उसे दुनिया भर के आलोचकों और प्रशंसकों ने सराहा है। विशेष रूप से भारत में, जहां उन्हें 'क्रिकेट का भगवान' कहा जाता है।
दूसरी तरफ, एडम गिलक्रिस्ट निसंदेह क्रिकेट इतिहास में सबसे प्रभावशाली विकेटकीपर बल्लेबाज़ रहे हैं। अपनी आक्रमक बल्लेबाज़ी और विकेट के पीछे चीते सी फुर्ती ने उन्हें क्रिकेट प्रशंसकों और आलोचकों का चहेता खिलाड़ी बना दिया।
गिलक्रिस्ट ने 289 वनडे मैचों में, 35.89 की औसत और 96.95 की आश्चर्यजनक स्ट्राइक रेट से से 9619 रन बनाए हैं।
वहीं, विकेट के पीछे उन्होंने 472 शिकार किये हैं जिनमें 417 कैच और 55 स्टंप आउट शामिल हैं। वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के उन खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने लगातार तीन बार विश्व कप जीतने का गौरव हासिल किया।
मध्य क्रम: विराट कोहली, रिकी पोंटिंग (कप्तान), ब्रायन लारा और एबी डीविलियर्स
विराट कोहली
विराट कोहली इस समय वनडे क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं। अपने निरंतर ज़बरदस्त प्रदर्शन से उन्होंने दुनिया को चौंका दिया है। लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम को जीत दिलाने की क्षमता के कारण उन्हें 'चेज़ मास्टर' का टैग दिया गया है।
अपने वनडे करियर में खेले 218 मैचों में, कोहली ने 59.51 की अविश्वसनीय औसत और 92.84 के स्ट्राइक-रेट पर 10339 रन बनाए हैं। वह केवल 10 साल के अपने वनडे क्रिकेट में 39 शतक और 48 अर्धशतक बना चुके हैं।
निश्चित रूप से आने वाले समय में वह दुनिया के महानतम क्रिकेटरों में शुमार होंगे।
रिकी पोंटिंग
रिकी पोंटिंग क्रिकेट इतिहास में अब तक के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक हैं। इसके साथ वह अपने समय के सबसे सफल कप्तान भी थे। अपने नेतृत्व में पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया को लगातार दो विश्व कप और दो चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जिताये हैं।
आँकड़ों की बात करें तो पोंटिंग ने 375 वनडे मैचों में 42.04 की शानदार औसत से कुल 13704 रन बनाए जिनमें 30 शतक और 82 अर्धशतक शामिल हैं।
पोंटिंग ने अपने वनडे करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी (140*) विश्व कप 2003 के फाइनल में भारत के खिलाफ खेली थी। सही समय पर कप्तानी पारी खेलकर पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया को लगातार दूसरी बार विश्व विजेता बनाने में बेहद अहम किरदार निभाया था।
ब्रायन लारा
'प्रिंस ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' ब्रायन लारा, अपनी पीढ़ी के बाएं हाथ के महानतम बल्लेबाज रहे हैं। उनकी बेजोड़ तकनीक और अनूठी शैली ने उन्हें दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसकों का चहेता खिलाड़ी बना दिया।
अपने वनडे करियर में लारा ने 299 मैच खेलते हुए 40.17 के शानदार औसत से 10405 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं।
एबी डीविलियर्स
अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स को एक सामान्य वनडे खिलाड़ी के रूप में वर्णित करना अपराध होगा। अपनी अद्भुत बल्लेबाज़ी क्षमताओं के कारण उन्हें 'मिस्टर 360' के उपनाम से जाना जाता है।
अपने करियर में एबी ने 228 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 53.5 की शानदार औसत और 101.10 के स्ट्राइक-रेट से 9577 रन बनाए हैं। उनके नाम वनडे में सबसे तेज शतक और सबसे तेज 150 रन बनाने का रिकॉर्ड है। जब उन्होंने पिछले साल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की तो क्रिकेट जगत सन्न रह गया था। निसंदेह उनके संन्यास लेने से क्रिकेट जगत को अपार क्षति पहुंची है।
ऑलराउंडर: एंड्रयू फ्लिंटॉफ
एंड्रयू फ्लिंटॉफ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आलराउंडर्स में एक रहे हैं। 'फ्रेडी' ने बल्ले और गेंद दोनों के साथ अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से दुनिया के हर कोने में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 2000 के दशक के प्रारंभ में इंग्लैंड के लिए अपने करियर की शुरुआत करने वाले फ्लिंटॉफ ने अपने एक दशक लंबे वनडे करियर में इंग्लिश टीम को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों की फ़ेहरिस्त में लाकर खड़ा कर दिया।
आंकड़ों की बात करें तो, फ्लिंटॉफ ने 141 वनडे मैचों में 32.0 की औसत से 3394 रन बनाए, जिसमें 3 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं गेंद के साथ भी उन्होंने अहम योगदान दिया है और 4.39 की प्रभावशाली इकोनॉमी रेट के साथ कुल 169 विकेट लिए हैं जिनमें 5/19 उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी आँकड़ा रहा है।
इन आँकड़ों को देख कर हम यह कह सकते हैं कि पिछले 25 साल की सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग इलेवन में एंड्रयू फ्लिंटॉफ का शुमार होना एक लाज़मी बात है।
गेंदबाज: वसीम अकरम, ब्रेट ली, मुथैया मुरलीधरन और ग्लेन मैक्ग्राथ
वसीम अकरम
संभवतः वनडे क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज, वसीम अकरम ने बल्लेबाज़ों का खेल माने जाने वाले क्रिकेट में एक नई क्रांति ला दी।
1992 के विश्व कप में अपनी जबरदस्त गेंदबाज़ी से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की थी। उन्होंने अकेले दम पर पाकिस्तानी क्रिकेट को ऊँचा उठाने का काम किया।
अकरम ने 356 वनडे मैचों में 23.53 की शानदार औसत और महज़ 3.9 की शानदार इकॉनमी रेट से 502 विकेट हासिल किये है।
ब्रेट ली
अगर कोई ऐसा गेंदबाज हो जिसने अपनी गति से बल्लेबाजों में डर पैदा किया हो तो निस्संदेह वह ब्रेट ली ही हैं। उन्होंने ना केवल अपनी गति बल्कि अपने सटीक यॉर्कर्स से विपक्षी बल्लेबाज़ों को खूब परेशान किया।
ब्रेट 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने में सक्षम थे और उन्होंने गिलेस्पी, वार्न और मैकग्राथ के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिआई गेंदबाज़ी आक्रमण का सफलतापूर्ण नेतृत्व किया।
उन्होंने 221 वनडे मैचों में 23.36 के शानदार औसत से 380 विकेट चटकाए। इसके साथ ही ब्रेट ने अपने करियर में 9 बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी किया है।
मुथैया मुरलीधरन
मुथैया मुरलीधरन निश्चित रूप से वनडे इतिहास के महानतम स्पिनरों में से एक रहे हैं। उनका रिकॉर्ड ही उनकी प्रतिभा का बखान करता है।
अपने करियर में खेले 350 वनडे मैचों में 23.08 की बढ़िया औसत और सिर्फ 3.93 की इकोनॉमी रेट के साथ उन्होंने 534 विकेट चटकाए हैं। मुरलीधरन ने श्रीलंकाई क्रिकेट का स्तर ऊँचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ग्लेन मैक्ग्रा
मैक्ग्रा ने अपने सर्वश्रेठ दौर में अपनी सटीक और धारदार गेंदबाज़ी से दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज़ों को खूब परेशान किया है, फिर चाहे वह सचिन तेंदुलकर हों या ब्रायन लारा।
अपने करियर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को लगातार तीन विश्व कप जिताने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी।
मैक्ग्रा ने अपने करियर में 250 वनडे मैचों में 22.08 की औसत से 381 विकेट हासिल किये हैं। उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर के आखिरी मैच की आखिरी गेंद पर विकेट लेकर अपने शानदार करियर का अंत किया था।
Get Cricket News In Hindi Here