गेंदबाज: वसीम अकरम, ब्रेट ली, मुथैया मुरलीधरन और ग्लेन मैक्ग्राथ
वसीम अकरम
संभवतः वनडे क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज, वसीम अकरम ने बल्लेबाज़ों का खेल माने जाने वाले क्रिकेट में एक नई क्रांति ला दी।
1992 के विश्व कप में अपनी जबरदस्त गेंदबाज़ी से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की थी। उन्होंने अकेले दम पर पाकिस्तानी क्रिकेट को ऊँचा उठाने का काम किया।
अकरम ने 356 वनडे मैचों में 23.53 की शानदार औसत और महज़ 3.9 की शानदार इकॉनमी रेट से 502 विकेट हासिल किये है।
ब्रेट ली
अगर कोई ऐसा गेंदबाज हो जिसने अपनी गति से बल्लेबाजों में डर पैदा किया हो तो निस्संदेह वह ब्रेट ली ही हैं। उन्होंने ना केवल अपनी गति बल्कि अपने सटीक यॉर्कर्स से विपक्षी बल्लेबाज़ों को खूब परेशान किया।
ब्रेट 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने में सक्षम थे और उन्होंने गिलेस्पी, वार्न और मैकग्राथ के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिआई गेंदबाज़ी आक्रमण का सफलतापूर्ण नेतृत्व किया।
उन्होंने 221 वनडे मैचों में 23.36 के शानदार औसत से 380 विकेट चटकाए। इसके साथ ही ब्रेट ने अपने करियर में 9 बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी किया है।
मुथैया मुरलीधरन
मुथैया मुरलीधरन निश्चित रूप से वनडे इतिहास के महानतम स्पिनरों में से एक रहे हैं। उनका रिकॉर्ड ही उनकी प्रतिभा का बखान करता है।
अपने करियर में खेले 350 वनडे मैचों में 23.08 की बढ़िया औसत और सिर्फ 3.93 की इकोनॉमी रेट के साथ उन्होंने 534 विकेट चटकाए हैं। मुरलीधरन ने श्रीलंकाई क्रिकेट का स्तर ऊँचा उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ग्लेन मैक्ग्रा
मैक्ग्रा ने अपने सर्वश्रेठ दौर में अपनी सटीक और धारदार गेंदबाज़ी से दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज़ों को खूब परेशान किया है, फिर चाहे वह सचिन तेंदुलकर हों या ब्रायन लारा।
अपने करियर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को लगातार तीन विश्व कप जिताने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी।
मैक्ग्रा ने अपने करियर में 250 वनडे मैचों में 22.08 की औसत से 381 विकेट हासिल किये हैं। उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर के आखिरी मैच की आखिरी गेंद पर विकेट लेकर अपने शानदार करियर का अंत किया था।
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