दुनिया भर में कोरोना संक्रमण (Covid-19) का कहर देखने को मिल रहा है। कई देशों में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा हुआ, तो कई देशों में कोरोना को हराने के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। क्रिकेट जगत से भी कई दिग्गज खिलाड़ियों ने अपने-अपने देश की हर प्रकार से मदद की है, जिसमें भारतीय खिलाड़ियों (Indian Cricket Team) का योगदान अपने देश के प्रति ज्यादा रहा है लेकिन भारत के पड़ोसी देश भूटान में क्रिकेटर्स ने बड़ी मिशाल कायम की है। यहाँ के खिलाड़ी अपने लोगों को बचाने के लिए कोविड वॉरियर बनकर उनकी मदद कर रहे हैं। भूटान क्रिकेट काउंसिल बोर्ड (Bhutan Cricket Council Board) को हाल ही में आईसीसी (ICC) की तरफ से 'क्रिकेट फॉर गुड सोशल इम्पैक्ट ऑफ़ द इयर' का अवॉर्ड मिला।
भूटान क्रिकेट काउंसिल बोर्ड के खिलाड़ी और स्टाफ कोरोना के इस कहर में फ्रंटलाइन वर्कर बनकर सामने आये। इन सभी खिलाड़ियों और स्टाफ मेम्बर्स ने खाना बनाने से लेकर खाना डिलीवर करने तक अपना योगदान दिया। साथ ही अस्पतालों में भी लोगों की मदद की है और लोगों को जागरूक किया कि वह सभी नियमों का पालन करें। यहाँ तक कि एक क्रिकेट सहायक ने जंगल में 65 दिन बिताएं और रोज 10 घंटे चल कर लोगों को कोरोना वायरस से बचने के तौर तरीके बताएं। भूटान के खिलाड़ियों के इस जज्बे को देखते हुए आईसीसी ने उन्हें एक बड़े अवॉर्ड्स से नवाजा है।
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भूटान क्रिकेट काउंसिल बोर्ड के सीईओ डेम्बर गुरुंग ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि हमारे देश की जनसँख्या बेहद ही कम है। ऐसे में कोरोना का संक्रमण देश बढ़ते हुए देख हमने अपने स्टाफ, खिलाड़ियों और सभी कोच को कोरोना से लड़ने के लिए एक ट्रेनिंग दी, जिसमें प्राकृतिक एवं मानव जनित विपदाओं से लड़ने के लिए 3 हफ़्तों तक आपको सिखाया जाता है। इस ट्रेनिंग को कराने के अनुमति हमें सरकार से मिली। इसलिए हमने 21 दिनों तक इस ट्रेनिंग में हिस्सा लिया और फिर कोरोना संक्रमित लोगों की मदद की। भूटान के खिलाड़ी वॉलंटियर्स बनकर सामने आये जिसकी तारीफ आईसीसी के जनरल मैनेजर ने भी की।