आईपीएल की ब्रांड वैल्यू 34 हजार करोड़ रूपये हुई

अपने 10 सीजन पूरे कर चुके इंडियन प्रीमियर लीग अब विश्व क्रिकेट में सबसे बड़े ब्रांड के रूप में जाना जाता है। न्यूयॉर्क की एक कॉर्पोरेट फाइनेंस अडवाइजरी फर्म के अनुसार आईपीएल की वैल्यू 34 हजार करोड़ रूपये की हो गई है। पिछले वर्ष यह 27 हजार करोड़ रूपये आंकी गई थी लेकिन अब इसमें 26 फीसदी की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

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फील्ड में हुई कुछ घटनाओं को छोड़ दें, तो आईपीएल विवादों से दूर रहने वाला टूर्नामेंट साबित हुआ है। मुंबई इंडियंस सबसे अधिक सफल रहने वाली टीम है। रोहित शर्मा की कप्तानी वाली इस टीम को तीन बार खिताब जीतने का गौरव हासिल है। पुणे सुपरजायंट ने इस वर्ष अंतिम बार इस टूर्नामेंट में शिरकत करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था।

टूर्नामेंट के अलावा टीमों की ब्रांड वैल्यू में भी इजाफा देखने को मिला है। मकेश अम्बानी की मुंबई इंडियंस इस मामले में 106 मिलियन डॉलर के साथ शीर्ष स्थान पर काबिज है। दूसरे नम्बर पर शाहरुख़ खान के स्वामित्व वाली कोलकाता नाइटराइडर्स 99 मिलियन डॉलर के साथ है। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर भी इस सूची में 88 मिलियन डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर है।

गौरतलब है कि 2008 में पहली बार आयोजित हुए इस टूर्नामेंट की पिछले दस वर्षों में ब्रांड वैल्यू और प्रशंसकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक अलग पहचान के साथ आईपीएल सबसे ताकतवर, धनी और नई चीजों वाला टूर्नामेंट बनकर ऊभर है।

ऐसा लगा था कि 2013 में हुए स्पॉट फिक्सिंग मामले के बाद टूर्नामेंट पर असर पड़ेगा लेकिन दर्शकों ने इसे प्राथमिकता में नहीं रखते हुए टूर्नामेंट की सफलता में अपना अहम योगदान देना जारी रखा।

डफ एंड फेल्प्स नामक न्यूयॉर्क की मुंबई आधारित फर्म ने आईपीएल के बदले हुए स्पोंसर्स को भी सफलता का एक बड़ा पैमाना माना है। पिछले सीजन में विवो को 2199 करोड़ रूपये में अधिकार मिले थे। यह 5 वर्ष तक अब आईपीएल टाइटल स्पोंसर रहेगा। सोनी के पांच चैनलों से भी इस वर्ष हुए सीजन में आईपीएल को 1.25 बिलियन डॉलर मिले हैं।

Edited by Staff Editor
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