भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखला अभी दूर की कौड़ी लग रही है। आईसीसी के चीफ एग्जीक्यूटिव डेव रिचर्डसन ने स्पष्ट कर दिया है कि आईसीसी भारत को पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है।
लाहौर में पत्रकारों से बातचीत में रिचर्डसन ने इस बात के भी संकेत दे दिए कि आईसीसी का झुकाव पाकिस्तान से ज्यादा भारतीय क्रिकेट की तरफ है।
रिचर्डसन ने कहा कि ' अगर भारत पाकिस्तान के साथ खेलने के लिए तैयार नहीं है तो हम उस पर दबाव नहीं डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि आईसीसी अपने सभी सदस्यों के साथ अच्छे संबंध चाहता है।
उन्होंने कहा कि ' आपको समझना पड़ेगा कि द्विपक्षीय श्रृंखला दो देशों के क्रिकेट बोर्ड के आपसी समझौते के तहत खेली जाती है। हम चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हों, लेकिन दोनों देशों के बीच राजनैतिक तनाव है और कोई भी क्रिकेट दोनों देशों के अच्छे रिश्तों पर ही निर्भर करता है।
हालांकि रिचर्डसन ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान आईसीसी की किसी प्रतियोगिता में एक ही ग्रुप में रहते हैं तो दोनों देशों के बीच मैच खेले जाएंगे।
आपको बता दें 2008 में मुंबई में हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट खेलने से मना कर दिया था। हालांकि साल 2012-13 में दोनों देशों के बीच सीमित ओवरों की श्रृंखला हुई थी।
आईसीसी के सीईओ ने कहा कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच मैच की बात आती है तो आईसीसी इस मामले में तटस्थ रहता है।
विश्व एकादश की टीम में एक भी भारतीय खिलाड़ी के ना होने के सवाल पर रिचर्डसन ने कहा कि पीसीबी के साथ मिलकर इस बात का फैसला किया गया था कि विश्व एकादश के कोच एंडी फ्लावर किसी भी भारतीय खिलाड़ी से संपर्क नहीं करेंगे। क्योंकि इस दौरे की संवेदनशीलता बहुत ज्यादा है।
रिचर्डसन ने कहा कि जिस तरह के हालात हैं उससे नहीं लगता कि दोनों देशों के बीच जल्द ही क्रिकेट मैच होंग। उन्होंने कहा कि भारत से आईसीसी को काफी ज्यादा फायदा होता है लेकिन हमारी नजर में सभी देश एक समान हैं।
Published 15 Sep 2017, 13:40 IST