Indian Cricketer Chetan Sharma Struggle Story: भारत में अन्य खेलों के बजाय सबसे ज्यादा क्रिकेट के प्रेमी हैं। प्लेयर्स को खेलते देख हर कोई उनके जैसा खेलने का सपना देखने लगता है। हालांकि, ये इतना आसान नहीं है जितना दिखता है। आज भले ही भारतीय क्रिकेटर्स लग्जरी लाइफ जी रहे हों लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें बचपन में एक वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ा था।
हाल ही में राजस्थान के डीग जिले के चेतन शर्मा का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली आगामी सीरीज के लिए अंडर-19 इंडियन क्रिकेट टीम में सेलेक्शन हुआ है। उनके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। चेतन के पिता के पास कभी किराए के मकान में रहने के लिए पैसे नहीं थे। कहते हैं कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती और ये कहावत चेतन शर्मा पर फिट बैठती है। उनका वक्त बदला, कोशिश रंग लाई और भारतीय टीम में चयन हो गया।
चेतन शर्मा के पिता वृंदावन मंदिर के हैं पुजारी
चेतन शर्मा का बचपन बहुत ही गरीबी में बीता है और उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन उनके पिता वृंदावन में एक मंदिर के पुजारी हैं। चेतन के घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। उन्हें क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए सहेरा गांव से भरतपुर आने में कई दिक्कतों को सामना करना पड़ता था। भरतपुर आकर वो अपने दोस्त के मंदिर में ठहर कर सुबह ग्राउंड में अभ्यास के लिए जाते थे। चेतन की खराब स्थिति को देखते हुए क्रिकेट संघ के सचिव शत्रुघन तिवारी ने उनकी काफी मदद की।
दरअसल चेतन शर्मा को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। गली-मोहल्ले मे वो अपने साथियों के साथ खूब खेला करते था। धीरे-धीरे चेतन की इस गेम में रूचि बढ़ती गई और फिर भरतपुर में जिला क्रिकेट संघ में उनका ट्रायल हुआ। संघ के सचिव शत्रुघन तिवारी की नज़र उनके ऊपर पड़ी और उन्होंने चेतन को क्रिकेट खेलने के लिए फाइनल कर दिया।
चेतन शर्मा के पिता हुए भावुक
आपको बता दें भारतीय क्रिकेटर चेतन शर्मा ने दिल्ली और जयपुर में अपनी ट्रेनिंग की है। चेतन के सेलेक्शन पर उनके गांव में जश्न मनाया जा रहा है। चेतन के पिता अपने बेटे की खास उपलब्धि पर बात करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा,
हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो इतने आगे तक पहुंच जाएगा। हमारे और क्षेत्र वासियों के लिए बहुत बड़ी खुशी की बात है।