हाल ही में संपन्न हुई भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मुकाबलों की टेस्ट श्रृंखला को भारत ने 2-1 से अपने नाम कर लिया। 71 सालों में भारत ने आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीती। इस ऐतिहासिक जीत का पूरा श्रेय भारतीय खिलाड़ियों को जाता है जिन्होंने पूरी श्रृंखला के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन किया।
मैन ऑफ द सीरीज रहे चेतेश्वर पुजारा ने चार मुकाबलों में तीन शतक लगाते हुए 74.42 के औसत से सर्वाधिक 521 रन बनाए। वही अन्य बल्लेबाज पुजारा के आस पास भी नहीं नजर आए। भारत जब भी विदेशी सरजमीं पर कोई भी टेस्ट श्रृंखला खेलने जाता है तो भारतीय बल्लेबाजों को विदेशी पिचों पर ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि विदेशों में भारत का प्रदर्शन उतना बेहतरीन नहीं रहा है, खासकर टेस्ट प्रारूप में। जनवरी 2018 से लेकर अब तक भारत ने क्रमशः दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया।
एक ओर जहां दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में हुए टेस्ट श्रृंखला में भारत को हार का सामना करना पड़ा वहीं ऑस्ट्रेलिया में भारत ने पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतने में कामयाबी मिली। इस दौरान जब भी भारत विदेशी सरजमीं पर कोई टेस्ट मुकाबला जीता, उनमें चेतेश्वर पुजारा का अहम योगदान रहा। जनवरी 2018 से अब तक विदेशी सरजमीं पर जीते गए सभी टेस्ट मुकाबलों में चेतेश्वर पुजारा ने अर्धशतक या शतक जरूर लगाया है।
बात करते हैं विदेशी सरजमीं पर भारत की जीत और उनमें चेतेश्वर पुजारा के योगदान के बारे में:
#1. भारत का दक्षिण अफ्रीका दौरा, जनवरी 2018
भारत ने दक्षिण अफ्रीका के इस दौरे पर तीन टेस्ट मुकाबले खेले जिसमें से भारत को पहले दो मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा। वहीं जोहानास्बर्ग में खेले गए तीसरे मुकाबले को भारत ने 63 रनों जीता था। उस मुकाबले में चेतेश्वर पुजारा ने कठिन परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए पहली पारी में 50 रनों का योगदान दिया था। जिसकी बदौलत भारत एक कठिन लक्ष्य खड़ा करने में कामयाब रहा और अंततः भारत को इस मुकाबले में जीत हासिल हुई। हालांकि भारत यह श्रृंखला 2-1 से हार गया था।