ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम को अपनी घरेलू सरजमीं पर 9 फरवरी से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) खेलनी है। इस सीरीज के आगाज से पहले भारतीय टीम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ सीरीज बताया। दाएं हाथ के बल्लेबाज ने स्वीकार किया कि वह सीरीज बहुत ही ज्यादा चुनौतीपूर्ण थी।
2018-19 दौरे पर भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट सीरीज जीती थी और उस यादगार जीत में चेतेश्वर पुजारा का बहतु ही अहम योगदान रहा था। पुजारा ने सीरीज के चार मैचों की सात पारियों में 74.42 की औसत से 521 रन बनाये थे। उनके बल्ले से तीन शतक और एक अर्धशतक भी आया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, पुजारा ने कहा कि उस सीरीज के दौरान मानसिक और शारीरिक तनाव अपने चरम पर था, उन्होंने कहा:
मैंने कुछ अच्छी सीरीज का लुत्फ उठाया। लेकिन वह मेरे क्रिकेट करियर की सर्वश्रेष्ठ सीरीज थी। जिस तरह से मैं बल्लेबाजी कर रहा था, ध्यान केंद्रित कर रहा था, उस सीरीज के दौरान बहुत शारीरिक और मानसिक तनाव था। हर मैच एक चुनौती थी।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लड़ाई करना पसंद है - चेतेश्वर पुजारा
पुजारा ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी प्रतिस्पर्धी है और उन्हें परेशानी में टीम को बचाने की जिम्मेदारी लेना पसंद है। दिग्गज बल्लेबाज ने कहा,
वे प्रतिस्पर्धी टीम हैं। वे आपको चुनौती देते हैं और मैं उनमें से हूं जो इस तरह की लड़ाई पसंद करता है। यह सिर्फ बातों की लड़ाई नहीं है, बल्कि क्रिकेट की लड़ाई है। वे हमेशा एक लड़ने वाली टीम हैं। एक खिलाड़ी के रूप में, जब भी टीम मुश्किल स्थिति में होती है, तो आपकी भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि आप उन्हें परेशानी से बाहर निकालें। कई बार मैंने इतनी महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं और उनमें से ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ खेली हैं। मुझे लगता है कि यह मानसिक रूप से मजबूत होने के बारे में है कि आप अपनी टीम के लिए, अपने देश के लिए क्या हासिल करना चाहते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज में भी चेतेश्वर पुजारा पर काफी जिम्मेदारी होगी। घरेलू पिचों पर पुजारा काफी समय से मुकाबला नहीं खेले हैं, ऐसे में वो भी उत्साहित होंगे।