भारत के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में जीत के बाद भारत और भी अधिक आत्मविश्वास से खेलेगा और 'आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप' टीम के लिए महत्वपूर्ण टूर्नामेंट रहेगा।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में सम्पन्न हुई टेस्ट श्रृंखला में चेतेश्वर पुजारा का प्रदर्शन लाजवाब रहा था। उन्होंने 4 मैचों की इस श्रृंखला में 74.42 की औसत से सर्वाधिक 521 रन बनाए। उनके इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें 'मैन ऑफ द सीरीज' चुना गया। दायें हाथ के इस बल्लेबाज का मानना है कि टीम का मुख्य लक्ष्य अब जुलाई 2019 से शुरू होने वाली 'टेस्ट चैंपियनशिप' होगा।
पुजारा ने क्रिकेट नेक्स्ट को बताया, "मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण बात टेस्ट चैंपियनशिप है, जो इस साल शुरू हो रही है। एक टीम के तौर पर जीतना ( जैसे हमने ऑस्ट्रेलिया में किया है ) और सफलता को जारी रखना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात होगी। हमने अब विदेशों में जीतना शुरू कर दिया है, और हम जब विदेशों में खेलेंगे एक अलग टीम की तरह, एक अलग स्तर पर खेलेंगे। हम एक टीम के रूप में और भी अधिक आश्वस्त होंगे। मुझे लगता है कि इस दौरे में हमें जो सफलता का मंत्र मिला है, वह भविष्य में आने वाले दौरों में हमारी मदद करेगा।"
पुजारा की रक्षात्मक शैली ने उन्हें टेस्ट विशेषज्ञ के रूप में ख्याति दिलाई है, लेकिन 30 वर्षीय पुजारा खुद को एक बहुमुखी खिलाड़ी के रूप में देखते हैं। उन्होंने अपने वनडे कैरियर को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा "यदि आप मेरी लिस्ट 'ए' क्रिकेट को देखते हैं, जिस तरह से मैंने बल्लेबाजी की है, और रन बनाए हैं, वह बहुत अच्छा है। जब मैंने पिछले सत्र में यॉर्कशायर के लिए सफेद गेंद से क्रिकेट खेला था, तो मैंने काफी रन बनाए थे। मुझे लगता है कि मेरी लगभग चार पारियों में एक शतक और तीन अर्द्धशतक थे, जिससे पता चलता है कि मैं सफेद गेंद से क्रिकेट खेल सकता हूँ।
मुझे व्यक्तिगत रूप से इसके बारे में कोई संदेह नहीं है। मैं सफेद गेंद से क्रिकेट खेल सकता हूं। अगर मुझे और मौका मिले तो चीजें बदल जाएंगी। उन्होंने कहा कि,"यह लोगों की मानसिकता है। जिस समय लोग मुझे एकदिवसीय क्रिकेट या टी-20 क्रिकेट में अच्छी बल्लेबाजी करते देखना शुरू कर देंगे, वे समझ जाएंगे कि यह खिलाड़ी सीमित ओवोरों के मैच में भी खेल सकता है।
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