भारतीय टेस्ट टीम में पिछले कई सालों से नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने वाले चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को खराब फॉर्म की वजह से टीम से बाहर कर दिया गया था। पिछले महीने वेस्टइंडीज दौरे पर गई टेस्ट टीम में पुजारा को नहीं चुना गया था। हालांकि, दाएं हाथ के बल्लेबाज ने बताया कि वह टीम से बाहर होने के बाद भी खुद को हमेशा कहते रहते हैं कि वह भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा हैं।
टेस्ट टीम में वापसी को लेकर पुजारा ने क्या कहा
द फाइनल वर्ड पॉडकास्ट पर बातचीत करते हुए चेतेश्वर पुजारा ने कहा,
“पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव आए हैं, और यह एक खिलाड़ी के रूप में आपकी परीक्षा लेते हैं, क्योंकि 90 से अधिक टेस्ट मैच खेलने के बाद, जब मुझे बाहर किया गया, तब भी मुझे खुद को साबित करना था, और मुझे अभी भी यह साबित करना था कि मैं वहां (टेस्ट टीम) के लायक हूं। यह एक अलग तरह की चुनौती है।''
उन्होंने आगे कहा,
“कभी-कभी यह (टीम से बाहर होना) आपके अहंकार के साथ खेलता है। इतने वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल रहने के बाद भी यह संदेह है - क्या आप काफी अच्छे हैं। यदि आपको खुद को बार-बार साबित करना पड़ता है, आपको आश्चर्य होता है कि क्या यह इसके लायक हैं। मैं अपने आप से कहता रहता हूं कि मुझे पता है कि मैं वहां (टेस्ट टीम में) हूं। मैं जानता हूं कि मैंने भारतीय क्रिकेट में किस तरह का योगदान दिया है, मुझे अभी भी बहुत योगदान देना है।''
पुजारा ने अपना आखिरी टेस्ट मैच इंग्लैंड के ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेला था। उस मैच की दोनों पारियों में पुजारा ने क्रमश: 14 और 27 रन बनाए थे। पुजारा ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा,
“मुझे कुछ समय पहले एक दिलचस्प आंकड़ा दिया गया था, जिसमें मुझे बताया गया था कि जब भी मैंने भारतीय टीम के लिए 70 या 80 से ज्यादा रन बनाए हैं, तो भारत उन मैचों में लगभग 80% बार जीता है, या हम हारे नहीं हैं। इसलिए मुझे पता है कि अगर मैं भारतीय टीम के लिए रन बनाता हूं, तो ज्यादातर बार हम जीत की ओर होते हैं।''
35 वर्षीय पुजारा ने 103 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनकी 176 पारियों में उन्होंने 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए हैं।