भारत के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने कहा कि वॉर्विकशायर के खिलाफ रॉयल लंदन कप के वनडे मैच में ससेक्स के लिए 79 गेंदों में 107 रन की पारी खेल के 50 ओवर के प्रारूप में उनकी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी। उन्होंने कहा कि टीम की जीत में इस योगदान को वह पसंद करते।
ससेक्स के आधिकारिक YouTube चैनल से बात करते हुए पुजारा ने अंत तक खड़े रहकर टीम के लिए काम फिनिश नहीं करने को लेकर निराशा जताई। पुजारा ने सफेद गेंद वाले क्रिकेट में भारत के लिए शतक नहीं बनाया है, लेकिन शुक्रवार से पहले 11 लिस्ट ए शतक बनाए थे।
उन्होंने कहा कि यह एकदिवसीय प्रारूप की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक थी। अगर जीत की बात होती तो और अच्छा होता। हम बहुत दूर नहीं थे। मैं आखिर तक वहीं रहना चाहता था। अगर मैं आउट नहीं होता तो हमारे पास मैच जीतने की थोड़ी और संभावना होती।
पुजारा ने धुआंधार पारी तो खेली लेकिन वह मैच खत्म करने में सफल नहीं हुई। इसके परिणामस्वरूप उनकी टीम को मैच में हार का सामना करना पड़ा। वॉरविकशायर से ससेक्स की टीम को 311 रनों का लक्ष्य मिला था। ससेक्स की टीम चार रनों से मैच हर गई। अगर पुजारा अंत तक क्रीज पर होते तो शायद उनकी टीम को मैच में जीत मिल सकती थी।
हार के कारण टीम की तालिका में स्थिति भी खराब हुई। इस मैच के बाद पुजारा की टीम अंकतालिका में छठवें स्थान पर खिसक गई है। उनके चार मैचों में दो जीत और इतनी ही हार के साथ चार अंक हैं।